जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘सबका साथ सबका विकास’ से ही मोदी के घुर विरोधी संजय जोशी के पक्ष में लगे पोस्टर में वार किया गया है। पोस्टर में कहा गया है कि ‘सबका साथ सबका विकास फिर क्यों नहीं संजय जोशी का साथ।’ रेडियो पर प्रसारित होने वाले प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को लेकर कहा गया है कि ‘होती है सबसे मन की बात, फिर क्यों नहीं करते संजय जोशी से बात।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद एक बार फिर से संजय जोशी के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं। ये पोस्टर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के घर के बाहर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में संजय जोशी की पार्टी में वापसी की मांग की गई है। हालांकि बाद में इन पोस्टरों को हटा दिया गया।
कहा जा रहा है कि संजय जोशी के समर्थक गुट ने इन पोस्टरों को लगाया था लेकिन इसकी पुाqष्ट नहीं हो सकी है। सूत्रों का कहना है कि यह मोदी के भारत लौटने के साथ, जानबूझ कर विरोधी पोस्टर लगाए गए हैं क्योंकि संजय जोशी को मोदी का धुर विरोधी कहा जाता है। जोशी गुजरात भाजपा के नेता और संघ प्रचारक रहे हैं। हाल ही में अमित शाह ने संजय जोशी के समर्थन में उनके जन्मदिन में लगाए गए पोस्टरों पर कार्यकर्ताओं को फटकार लगाई थी। इससे पहले भी जोशी के समर्थन में पोस्टरबाजी होती रही है। कुछ साल पहले संजय जोशी को विवादों के चलते भाजपा के महासचिव पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इससे पहले पिछले दिनों संजय जोशी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने वालों पर भी भाजपा ने सख्ती की थी। जोशी को जन्मदिन की बधाई वाले पोस्टर पर नाम होने की वजह से संजीव बालयान और सर्वानंद सोनवाल से पार्टी ने जवाब तलब किया था, जबकि श्रीपद यशो नाइक के निजी सहायक का नाम ऐसे ही एक पोस्टर में होने से उस पर भी गाज गिरी थी।
भाजपा के पूर्व संगठन महासचिव संजय जोशी को वर्ष 2005 में पार्टी छोड़नी पड़ी थी। मगर बाद में उन्हें दुबारा पार्टी में ले लिया गया था। लेकिन पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर समीकरण बदलने के बाद उन्हें दुबारा पार्टी से बाहर होना पड़ा था। पिछली बार मोदी विरोधी पोस्टर लगाए जाने की शिकायत पर ही उन्हें पार्टी से निकाला गया था।