जनजीवन ब्यूरो
चेन्नई : सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में अन्नाद्रमुक प्रमुख वी के शशिकला को चार वर्ष की सजा की सजा को बहाल रखा है. दोष सिद्धि के कारण शशिकला अब करीब 10 साल तक चुनाव और कोई सरकारी पद हासिल नहीं कर पाएंगी. कोर्ट के फैसले के बाद उनकी तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने की योजना खटाई में पड़ गयी. इस घटनाक्रम से राज्य के सत्तारुढ़ दल में सत्ता को लेकर एक नयी जंग छिड़ गयी.
उच्चतम न्यायालय ने 19 साल पुराने और जे जयललिता की सहभागिता वाले इस मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी रह चुकी 60 वर्षीय शशिकला को तुरंत आत्मसमर्पण करने और अपनी चार वर्ष की सजा की शेष अवधि काटने को कहा है.
शशिकाला के करीबी इडाप्पडी के पलानीस्वामी को विधायक दल का नेता चुना गया है और माना जा रहा है कि इसका मकसद उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रुप में पेश करना है. इसी के साथ कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया गया है. पार्टी के दो परस्पर विरोधी धड़ों के बीच ‘‘तू डाल डाल मैं पात वाली’ रणनीति चल रही हैं.
पलानीसामी (63) ने तुरत..फुरत कार्रवाई करते हुए राज्यपाल विद्यासागर राव से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. उधर, पनीरसेल्वम ने शशिकला धड़े के सदस्यों से मार्मिक अपील करते हुए कहा कि वे अम्मा (जयललिता) की सरकार को आगे बढ़ाने के लिए अपनी अंतररात्मा की आवाज को सुने.
पलानीस्वामी ने अपने समर्थक विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा जिन्होंने चेन्नई के समीप रिजार्ट में उन्हें चुना था. भले ही अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि विधायक दल की बैठक में कितने विधायकों ने हिस्सा लिया, किन्तु मद्रास उच्च न्यायालय को कल राज्य अभियोजक द्वारा सूचित किया गया था कि 119 अन्नाद्रमुक विधायक अपनी इच्छा से रिजार्ट में रह रहे हैं. 234 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 134 विधायक हैं.