जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और असम के पूर्व राज्यपाल जानकी बल्लभ पटनायक का आज निधन हो गया। 89 वर्षीय पटनायक ने मंगलवार तड़के तीन बजे आखिरी सांस ली। वह एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पटनायक के निधन पर गहरा शोक जताया है।
पटनायक सोमवार को तिरुपति राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेने तिरुपति पहुंचे थे, जहां वह मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। पटनायक विश्वविद्यालय के कुलपति थे। सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद पटनायक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटनायक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए टि्वटर पर लिखा है कि पटनायक ओडिशा के विकास के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे। ओडिशा की राजनीति में पटनायक को हमेशा याद किया जाता रहेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि कांग्रेस ने अपने एक समर्पित कार्यकर्ता को खो दिया है। ओडिशा को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए पटनायक को हमेशा याद किया जाता रहेगा।
कांग्रेस के अनुभवी नेता पटनायक के परिवार में उनकी पत्नी जयंती पटनायक, बेटा पृथ्वी बल्लभ पटनायक और दो बेटियां सुदत्ता पटनायक एवं सुप्रिया पटनायक हैं।
पटनायक के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मंगलवार दोपहर विशेष विमान से भुवनेश्वर भेजा जाएगा, जहां पुरी स्थित स्वर्गद्वार में उनका दाह संस्कार किया जाएगा।
ओडिशा के खोरढा जिले के रामेश्वर गांव में तीन जनवरी 1927 को जन्मे पटनायक असम के राज्यपाल के रूप में सेवा देने के बाद बीते साल दिसंबर में ओडिशा लौटे थे।
वह 1980-1989 तक दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे थे और 1995-1999 में तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की बागडोर संभाली थी। 2004-2009 तक वह ओडिशा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके थे।