जनजीवन ब्यूरो
मुंबई । केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने कहा जब दोनों पक्ष सामने बैठेंगे तब बीएमसी को लेकर एक साथ आने पर चर्चा की जा सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी जता दिया कि शिवसेना को इसके ऐवज में बीजेपी के खिलाफ अपना आक्रामक रुख त्यागना होगा। मुंबई के बीएमसी चुनाव में 82 सीटें जीतने वाली भाजपा की बढ़त से बेफिक्र शिवसेना ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि नगर निकाय का मेयर उनकी पार्टी का ही बनेगा।
शिवसेना ने अब पराये हो चुके अपने पुराने सहयोगी भाजपा पर छल से उन्हें अस्थिर करने का भी आरोप लगाया। गैरतलब है की आज दो निर्दलीय कॉर्पोरटर स्नेहल मोरे (विकोरली से) और तुलसीदास शिंदे (डिंडोशी से) मातोश्री जाकर शिवसेना में शामिल हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव में भाजपा को शानदार जीत मिली है और वह 10 में से आठ नगर निगमों की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना से पीछे रह गयी। शिवसेना को अपने गढ़ मुंबई के नगर निकाय चुनाव में कुल 84 सीटें मिली हैं।
निकाय चुनाव परिणाम के एक दिन बाद सेना ने अपने मुखपत्र सामना में दावा किया कि भाजपा ने इस चुनाव में राज्य की पूरी मशीनरी का इस्तेमाल किया। इसमें कहा गया कि बहन्नमुंबई नगर पालिका और अन्य स्थानीय निकाय चुनाव में अभूतपूर्व परिणाम हासिल करने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने अपनी पूरी ताकत लगा दी।
इसमें दावा किया गया, सेना पिछले 25 सालों से बीएमसी में सत्तारूढ़ है। भाजपा ने हमारे शासन को अस्थिर करने के लिए छल का सहारा लिया। इससे पहले कांग्रेस के राज में ऐसा कभी नहीं हुआ।
सेना ने दावा किया, बीएमसी चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन उसके बावजूद उसे केवल 82 सीटें मिलीं। बीएमसी का मेयर शिवसेना से ही होगा।
बीएससी के परिणाम कल घोषित हुये थे, जिसमें शिवसेना को 84, जबकि भाजपा को 82 सीटें मिली थीं। कांग्रेस केवल 31 सीटें जीतकर तीसरे नंबर पर रही, जबकि राकांपा और राज ठाकरे की मनसे को क्रमश: नौ और सात सीटें हासिल हुई।
सेना ने आज कहा कि वह अग्निपथ पर चलती रहेगी और परिणाम की चिंता किये बगैर अपनी लड़ाई जारी रखेगी।