सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंपी गई है जिम्मेदारी
जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र सबका साथ, सबका विकास। अपने सरकार का वर्षगांठ मनाने से पहले मोदी सरकार के प्रति आम लोगों की राय जानना चाहते हैं। माना जा रहा है कि उसी प्रतिक्रिया के आधार पर मोदी आगे की रणनीति बनाएंगे। सोशल नेटवर्किंग साइट पर पिछले एक साल के दौरान सरकार को लेकर आम लोगों की क्या प्रतिक्रिया रही इसकी जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जुटा रहा है। साथ ही सरकार, मोदी और योजनाओं को लेकर जनता के बीच किस तरह की चर्चा हो रही है इसका भी आकलन किया जा रहा है। इतना ही नहीं विदेश दौरे को लेकर आम लोग क्या सोचते हैं मोदी इसकी भी जानकारी चाहते हैं।
26 मई को मोदी ने सत्ता संभाला था। मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा योगदान माना जा रहा है। इसलिए मोदी अपनी सरकार, खुद के प्रति और उनकी योजनाओं को लेकर लोगों के बीच क्या राय है इसकी जानकारी चाहते हैं। बताया जाता है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली को मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर सरकार के प्रति लोगों की नकारात्मक और सकारात्मक प्रतिक्रिया की जानकारी मांगी है। साथ ही इसकी भी जानकारी मांगी गई है कि कितने लोगों ने इसे इग्नोर किया।
मोदी ने सत्ता संभालने के बाद दो प्रमुख योजनाएं जनधन और स्वच्छता अभियान शुरु किया था। दोनो ही योजनाओं को लेकर मोदी काफी चर्चा में रहे। अब मोदी चाहते है कि कितने लोगों को ये योजनाएं पसंद आई और कितने को नहीं आई इसकी जानकारी मिले। इन योजनाओं को लेकर मंत्रालय कितनी सक्रियता दिखाई और निगरानी रखी इसकी भी जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय उन्हें उपलब्ध कराएगा। माना जा रहा है कि जो मंत्रालय लापरवाही बरता होगा मोदी उसपर कार्रवाई हो सकती है।
प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद मोदी भूटान से लेकर अमेरिका,जर्मनी, चीन आदि देशों की यात्रा कर चुके हैं। विपक्षी दल मोदी को घुमंत प्रधानमंत्री की संज्ञा दे चुके हैं। अब मोदी यह जानना चाहते हैं कि इन यात्राओं को लेकर जनता कितना संतुष्ट है और कितना असंतुष्ट।