संदीप ठाकुर / लखनऊ । मंत्री के गनर की दबंगई से डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लगी 5 करोड़ रुपए की एमआरआई मशीन खराब हो गई। मशीन खराब होने के बाद मंत्रीजी तो उठ के भाग लिए लेकिन उन गरीबों की शामत आ गई जिन्हें एमआरआई कराने की डेट मिली हुई थी। आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रशासनिक सूत्र ने बताया कि अब मरीजों को जुलाई की डेट दी जा रही है।
हुआ यूं कि यूपी के खादी ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी गत 2 जून को हरदोई में एक कार्यक्रम के दौरान बेहोश हो गए थे। शाम 7:30 पर उन्हें राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती करवाया गया। जांच में उनका शुगर लेवल और बीपी लो निकला। शुक्रवार को डॉक्टरों ने उनके सिर का एमआरआई करवाने की सलाह दी। एमआरआई रूम के बाहर पहले से बैठे मरीजों को नजरअंदाज कर डॉक्टर मंत्री को जांच के लिए एमआरआई रूम में ले गए और टेबल पर लिटा दिया। पीछे पीछे मंत्री का गनर भी पिस्तौल लेकर अंदर पहुंच गया, जबकि रूम के दरवाजे पर ही मेटल भीतर न ले जाने की चेतावनी लगी हुई है। गनर ने चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया। एमआरआई मशीन ऑन होते ही उसमें लगा चुंबक प्रभावी हो गया। चुंबक ने गनर की पिस्तौल खींच ली और वह मशीन से जा चिपकी। फिर क्या था मशीन तेज आवाज के साथ बंद हो गई। आवाज से मंत्री,डॉक्टर व कर्मचारी घबरा गए। मंत्री तो इतने घबरा गए कि टेबल से उठ भाग खड़े हुए। 5 करोड़ की एमआरआई मशीन इसके बाद खराब हो गई, जिसे ठीक करने के लिए इंजिनियरों को बुलाया गया है।
घटना की पुष्टि आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. दीपक मालवीय ने भी की। उन्होंने कहा कि मंत्री का गनर एमआरआई रूम के गेट पर था। वह अंदर चला गया, जिससे यह हादसा हो गया। मशीन को ठीक करवाने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया है। डॉक्टर ने बताया कि एमआरआई की सुविधा सिर्फ केजीएमयू और लोहिया अस्पताल में है। मशीन 5 करोड़ रुपये की है। इससे रोजाना 30 मरीजों की जांच होती है। मशीन खराब हो जाने के कारण नए मरीजों को जुलाई तक की वेटिंग दी जा रही है। ऐसे में मरीजों के पास भटकने के अलावा और कोई चारा नहीं है। घटना लखनऊ के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की है।