जनजीवन ब्यूरो / भोपाल । भूख क्या होती है यह बात अब मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को समझ में आ गई होगी. दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे शिवराज मात्र 28 घंटे में ही समाप्त कर दिया. भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी ने नारियल पानी पिलाकर शिवराज का उपवास तुड़वाया. मालवा के किसानों को मनाने के लिए उपवास पर बैठे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐलान किया है कि वे शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदेश में 72 घंटों का सत्याग्रह करेंगे। माना जा रहा है कि रविवार को शिवराज अपना उपवास तोड़ सकते हैं।
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक शिवराज ने उनसे कहा था कि शांति होते ही वो उपवास खत्म कर देंगे। शिवराज ने कहा था कि यह उपवास उन्होंने प्रदेश में शांति के लिए किया है और जब तब हिंसा खत्म नहीं हो जाती और पूरे प्रदेश में शांति नहीं हो जाती, वो उपवास नहीं तोड़ेंगे। हालांकि उन्होंने इशारा किया कि रविवार को सभी परिस्थितयों को देखते हुए और तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद ही वो अंतिम फैसला लेंगे।
मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि मंदसौर में हिंसा में मारे गए किसानों के परिजन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यहां मुलाकात की और उनसे अपना अनशन समाप्त करने का आग्रह किया। भाजपा नेता ने कहा कि मारे गए पांच किसानों में से चार के परिजनों ने मुख्यमंत्री से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो।
कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घोषणा की है की वह शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदेश में 72 घंटों का सत्याग्रह करेंगे। सिंधिया 14 जून को दोपहर 3 बजे भोपाल शहर के टी. टी. नगर दशहरा मैदान में 72 घंटे के लिए सत्याग्रह पर बैठेंगे। अपना सत्याग्रह शुरू करने के एक दिन पहले सिंधिया 13 जून को मंदसौर जाएंगे और छह जून को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में मंदसौर जिले में मारे गये पांच किसानों के परिजनों से मुलाकात भी करेंगे।
बता दें कि इस आंदोलन के दसवें दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां दशहरा मैदान में शांति बहाली के लिये अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठ गये। उन्होंने किसानों को यहां समस्या के समाधान के लिये आने का आह्वान भी किया है।
मंदसौर के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मंदसौर शहर के तीनों थाना इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया । हालांकि जिले में चार से अधिक लोगों के जमा होने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि जिले में धरना, प्रदर्शन और रैलियों की इजाजत नहीं होगी ।
मंदसौर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पिपलामंडी थाना इलाके में कफ्यूर् जारी रहेगा जहां पर आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में पांच किसान मारे गए थे । जिला कलेक्टर ओ पी श्रीवास्तव ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इंटरनेट सेवाएं जल्द से जल्द बहाल कर दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक या भड़काउ सामग्री प्रसारित किये जाने की स्थिति में फैसले पर फिर से विचार होगा ।
सार्वजनिक परिवहन कब से बहाल होगा यह पूछे जाने पर एसपी ने कहा कि कल बस संचालकों के साथ बैठक होगी जिसमें उनसे सेवाएं बहाल करने को कहा जाएगा। सिंह ने कहा कि बस कर्मचारियों, पेट्रोल पंप कर्मचारियों और दूध आपूर्ति करने वालों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी ताकि वे अपना काम कर सकें।
बता दें कि छह जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी और छह अन्य किसान घायल हो गये थे, जिसके बाद किसान भड़क गये थे और किसान आंदोलन समूचे मध्यप्रदेश में फैल गया तथा और हिंसक हो गया। अपनी उपज का सही मूल्य दिलाये जाने और कर्ज माफी समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने यह आंदोलन किया।