जनजीवन ब्यूरो / बैंकॉक । दुनिया जिस योग को निरोग रहने का जरिया मानती है, वह योग किसी की जिंदगी में जुनून बनकर आये तो कामयाबी की कहानियां गढ़ती हैं. रांची की प्रीति आज थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में प्रसिद्ध योग इंस्ट्रक्टर हैं. उनके क्लास के लिए लोगों को प्री–बुकिंग लेनी पड़ती है. एक मध्यम वर्गीय भारतीय परिवार, जहां हर कोई अपने बच्चे को आईआईटीयन, डॉक्टर और आइएएस बनते देखना चाहता है, वहां योगा इंस्ट्रक्टर को प्रोफेशन के रूप में चुनना कठिन हो जाता है. हां, प्रीति के इस सपने में पिता प्रसेनजीत साहू और मां उर्मिला नाग का सहयोग रहा, जो तमाम सामाजिक विषमताओं व मान्यताओं के विरुद्ध जाकर अपनी बेटी के साथ खड़ी रहीं.
योग की ओर प्रीति का रूझान बेहद कम उम्र से ही था. साल 2003 में प्रीति ने जिला योग चैम्पियनशिप का खिताब जीता. यह उनकी जिंदगी की पहली सफलता थी, इसके बाद देशभर में होने वाले योग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लगीं. इस दौरान उन्होंने डा कृष्ण कुमार (इलीट ट्रेडिनशल योगा, बूटी मोड़) से ट्रेनिंग लीं. पढ़ाई और योग का सफर साथ-साथ चलता रहा. टेंडर हार्ट स्कूल से बारहवीं के बाद प्रीति ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड में दाखिला लिया. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही एक वक्त ऐसा आया, जब उसे अपने करियर के तय करना था कि वह योग चुनें या लाइफ साइंस. प्रीति ने योग को करियर के रूप में चुना. हालांकि यह आसान फैसला नहीं था. रांची के होटवार में आयोजित नेशनल योग चैंपियनशिप-2013 में प्रीति ने अवार्ड जीता. वे ‘वी फिटनेस सोसाइटी’ के इंटरव्यू में चयन होने के बाद थाइलैंड चलीं गयीं. योग ने उन्हें एक पहचान दी है. आज वह हर महीने लाखों कमाती हैं. एक आम भारतीय 45-50 साल की उम्र में जो कुछ हासिल कर पाता है, प्रीति ने मात्र 23 साल की उम्र में ही हासिल कर लिया है.
योग भले ही भारत की उपज है लेकिन आज भी अपने देश से ज्यादा विदेशों में इसका सम्मान है. एक आम भारतीय परिवेश में लोग योग ट्रेनर को प्ले स्कूल की टीचर की तरह मानते हैं. विदेशों में यह बेहद प्रतिष्ठित करियर विकल्प के रूप में माना जाता है. प्रीति बताती हैं कि यहां उनसे 50-60 साल के वृद्ध लोग योग सीखने आते हैं, ऐसे लोग जो अपने फील्ड में उत्कृष्ठ कर रहे हैं. उनके अंदर भारत की इस विद्या की खास प्रतिष्ठा है.
आज खान-पान से लेकर जीवनशैली सब कुछ अशुद्ध हो चुका है. ऐसे व्यस्तम जीवन में हमारे शरीर का ख्याल रखने के लिए योग बेहद जरूरी है. यह न सिर्फ शारारीरिक स्वास्थ्य की गारंटी देता है, बल्कि मन की शांति और स्थिरता के लिए भी रामबाण है. हमारे जीवन को मधुर बनाने के लिए शरीर के साथ-साथ मन का संतुलन होना जरूरी है. योग इस कमी को पूरा करता है.