जनजीवन ब्यूरो / लखनऊः संसद पर वर्षों पहले आतंकी हमला हो चुका है. अब उत्तर प्रदेश विधानसभा को उड़ाने की साजिश रची गई, लेकिन आतंकी इसमें सफल नहीं हो सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में आज इस मामले की जांच एनआर्इए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) से कराने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया.सदन ने माना कि यह विधानसभा को उड़ाने की आतंकी साजिश भी हो सकती है.
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की सीट के पास एक पुड़िया में कुछ सामग्री प्राप्त हुर्इ थी. उस पुड़िया को एफएसएल के पास भेजा गया था. एफएसएल ने इसे बेहद खतरनाक विस्फोटक बताया है. उन्होंने कहा कि हालांकि, उसकी मात्रा कम थी और वह 150 ग्राम था, इस पूरे विधानसभा भवन को उड़ाने के लिए पांच सौ ग्राम का पीर्इटीएन काफी है. आखिर वह कौन है, जो उस विस्फोटक को लेकर विधानसभा में लेकर आया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन में मिले विस्फोटक की जांच नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) से कराने की घोषणा की है. सदन की कार्यवाही शुरु होते ही नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनने के बाद दीक्षित ने कहा कि विस्फोटक को सदन के अन्दर लाने, रखने और साजिश आदि की जांच एनआईए से होनी ही चाहिए. उन्होंने इसे सुरक्षा में एक चुनौती मानते हुए सभी से एकजुट होकर सहयोग देने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल यह उठता है कि आखिर वे कौन लोग हैं जिन्होंने इसे यहां तक पहुंचाया. जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार हैं तो क्या उन्हें सुरक्षा में छूट दे देंगे. यह खतरनाक प्रवृत्ति है. खतरनाक स्थिति पैदा हो गयी है. विधानभवन के कर्मियों का पुलिस वैरीफिकेशन होना चाहिये. उन्होंने कहा कि जो भी विधानभवन के अन्दर आये उसकी गहन तलाशी होनी चाहिये. वह जब पहली बार विधान भवन आये तो उन्हें अचरज लगा क्योंकि विधानसभा के सदस्यों से ज्यादा अन्य लोग इधर-उधर घूम रहे थे. किसी को सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जा सकती.
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने विस्फोटक मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, विस्फोटक अगर विपक्ष के नेता की सीट के नीचे मिल सकता है तो कल्पना कीजिए कि यूपी में कानून-व्यवस्था का क्या हाल है. किसी सरकार को इतनी जल्दी विफल होते नहीं देखा.
इस बीच प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि विधानसभा के अंदर विस्फोटक बरामद होना खतरनाक स्थिति है और इसकी गहन जांच करके तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. विधानसभा के अंदर अगर कोई अवांछनीय वस्तु रखी जा सकती है तो उत्तर प्रदेश कितना सुरक्षित है इसकी कल्पना करना ज्यादा मुश्किल नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह प्रकरण विधानसभा जैसी कड़ी सुरक्षा वाले परिसर की सुरक्षा में गंभीरतम चूक है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.
विशेषज्ञों का कहना है कि पीर्इटीएन विस्फोटक काफी खतरनाक विस्फोटकों में से एक है. यह विस्फोटक रंगहीन और गंधहीन होता है. इसे मेटल डिटेक्टर के जरिये भी ढूंढ पाना काफी कठिन है.पीर्इटीएन नामक यह पावडर उच्च शक्ति वाला विस्फोटक है, जो 12 जुलाई की शाम को विधानसभा के भीतर मिला था. यह विस्फोटक 50 से 60 ग्राम की मात्रा में मिला था. संदिग्ध पाउडर के मिलते इसकी सूचना सबसे पहले सीएम को दी गयी, लेकिन हंगामे को थामने के लिए सदन की कार्यवाही खत्म होने का इंतजार किया गया.