जनजीवन ब्यूरो / मुंबई । मुंबई के घाटकोपर इलाके स्थित दामोदर पार्क के पास एक बिल्डिंग के गिरने के मामले में शिवसेना नेता को अरेस्ट किया गया है। जिस इमारत में हादसा हुआ, उसमें शिवसेना नेता का नर्सिंग होम था। आरोप है कि इस नर्सिंग होम में मरम्मत के दौरान तोड़फोड़ करने की वजह से इमारत गिर गई। शिवसेना नेता को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम जारी है।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने घटनास्थल का दौरा कर हादसे की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने बीएमसी से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है।
दामोदर पार्क क्षेत्र में स्थित चार मंजिला इमारत मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे अचानक ढह गई। इमारत की सभी मंजिलों पर तीन से चार परिवार रहते थे। ‘सिद्धि-साईं कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी ‘ के निवासियों के अनुसार, ग्राउंड फ्लोर में स्थित नर्सिंग होम में मरम्मत का काम चल रहा था जिस कारण इमारत के खंभे कमजोर हो गए थे। 15 फ्लैटों वाली इस बिल्डिंग में स्थित नर्सिंग होम में तोड़-फोड़ का काम चल रहा था। इसी कारण मंगलवार सुबह इमारत ढह गई। नर्सिंग होम कथित तौर पर शिवसेना के स्थानीय नेता सुनील शितप का है। शितप के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 336 और 338 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि शितप को बीती रात हिरासत में लिया गया था और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, घटना की जांच के लिए डेप्युटी म्युनिसिपल कमिश्नर समेत 2 सदस्यों की टीम बनाई गई है, जो 15 दिन में रिपोर्ट देगी।
अग्निशमन दल के मुख्य अधिकारी प्रभात रहांगदले के अनुसार अब तक 17 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं और लगभग एक दर्जन को मलबे से जिंदा निकाला गया है। मरनेवालों में छह महिलाएं हैं। अस्पताल भेजे गए घायलों में आठ की स्थिति खतरे से बाहर है। दो दर्जन से अधिक लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
दुर्घटना स्थल पर अग्निशमन दल की 14 गाड़ियों सहित एनडीआरएफ, बचाव दल, एंबुलेंस भी पर्याप्त संख्या में पहुंच गए थे। मुंबई में मंगलवार को मौसम साफ होने के कारण बचाव कार्य में दिक्कत नहीं आई। मलबे में फंसे लोगों को जीवित निकालने के लिए खोजी कुत्तों की मदद भी ली जा रही है।
पड़ोसियों के अनुसार इमारत सिर्फ 35 साल पुरानी थी। मुंबई महानगरपालिका की तरफ से इसे खतरनाक भी घोषित नहीं किया गया था। पड़ोसियों का मानना है कि इमारत बरसात के कारण नहीं, बल्कि इसकी निचली मंजिल पर हो रहे अनधिकृत निर्माण के कारण आई कमजोरी से गिरी। चार मंजिला रिहायशी इमारत के भूतल पर पहले एक निजी पॉलीक्लीनिक चलता था। कुछ समय पहले एक स्थानीय शिवसेना नेता सुनील सिताप ने पूरा भूतल खरीदकर उसमें गेस्टहाउस बनवाना शुरू किया। इसी प्रक्रिया में उसने भूतल पर बने आरसीसी के दो खंभे कटवा दिए।
स्थानीय कांग्रेसी सभासद प्रवीण छेड़ा का आरोप है कि ये खंबे काट देने के कारण ही इमारत कमजोर होकर ढह गई। मंगलवार सुबह जब ये हादसा हुआ उससे पहले पूरी इमारत बुरी तरह हिलने लगी। ग्राउंड फ्लोर पर काम कर रहे मजदूरों ने जब ये देखा वो तो घबराकर वहां से भाग निकले। इमारत में मौजूद परिवारों ने भी जब ये महसूस किया तो बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। इनमें कुछ लोग बाहर नहीं आ पाए और मलबे में दब गए।