जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : भारत के 13वें उपराष्ट्रपति की शपथ एम. वेंकैया नायडू आज ले लिए . राष्ट्रपति भवन में विशेष समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उन्हें पद की शपथ दिलाई . संसद भवन जाने से पहले नायडू राजघाट में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को, डी.डी.यू. पार्क में दीनदयाल उपाध्याय को और पटेल चौक पर सरदार पटेल को श्रृद्धांजलि अर्पित किया.शुक्रवार को शपथ लेने के बाद उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्यभार संभाला. इस दौरान सभी नेताओं ने उनका स्वागत किया. स्वागत भाषण में ही किसी ने कटाक्ष किया तो किसी ने उनके कार्य करने की शैली की तारीफ .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडू के स्वागत में भाषण करते हुए कहा कि वेंकैया पहले ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जो आजाद भारत में जन्में हैं. उन्होंने अपने भाषण के दौरान एक शायरी भी पढ़ी. ‘मोदी ने कहा कि अमल करो ऐसा सदन में, जहां से गुजरे तुम्हारी नजरें, उधर से तुम्हें सलाम आए.’ मोदी ने कहा कि वेंकैया जी की तुकबंदी से हरकोई परिचित हैं.
एम. वेंकैया नायडू का जन्म एक जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिले के चावतापलेम में हुआ था. उन्होंने विशाखापत्तनम के आंध्र विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय कानून में विशेषज्ञता के साथ कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की है. वह अपने कालेज के दिनों में ही आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गये थे. उन्होंने जय आंध्र आंदोलन में अपनी अहम भूमिका निभाई.
नायडू 2002 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे. वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार में नायडू ने आवास और शहरी कार्य सूचना प्रसारण तथा संसदीय कार्य मंत्री के रूप में काम किया है.
राज्य सभा के सभापति के तौर पर वेंकैया नायडू ने कहा कि जब मैं पहली बार 1998 में इस सदन में आया था तो पता नहीं था कि सभापति बनूंगा. मेरे जैसे किसान के बेटे का यहां आना एक बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि जब मैं एक साल का था तब मेरी मां गुजर गई थी, मुझे उनका चेहरा भी याद नहीं है. अब मैं किसी पार्टी का व्यक्ति नहीं हूं मैं सभी पार्टी का हूं, जैसा आनंद शर्मा ने कहा कि मैं सभी का ध्यान रखूंगा. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अंत्योदय तक विकास पहुंचाना होगा.
सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा कि मुझे याद है कि जब आप स्टूडेंट लीडर के तौर पर दिल्ली आते थे, तब मेरी आपसे मुलाकात होती थी. हमें वो दिन भी याद हैं जब विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन ने कहा था कि संसद में सिर्फ सरकार की बातें नहीं हो सकती हैं, सभी की बातें होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी को बोलने का मौका देना चाहिए, लेकिन सरकार को भी काम करने का मौका मिलना चाहिए.
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने वेंकैया नायडू को बधाई देते हुए कहा कि भले ही आप एक पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं, लेकिन अब आपको इस पद पर रहकर न्याय करना है. आजाद ने कहा कि जिस पद पर आप बैठे हैं, उस सीट के पीछे एक तराजू है, जो बार-बार जज, स्पीकर या राज्यसभा चेयरमैन को याद दिलाता है कि वह निष्पक्ष है. आजाद ने कहा कि इस पद पर इंसान सिर्फ इंसान होता है, न्याय करते वक्त न धर्म होता है, न ही उसकी पार्टी होती है.
आजाद ने कहा कि इस बात में गरीबी-अमीरी का सवाल नहीं है कि कौन इस पद पर बैठा. इनके पीछे एक ताकत है, वो लोकतंत्र है. उन्होंने कहा कि ‘सुभाष चंद्र बोस, गांधी जी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरकार पटेल, मौलाना आजाद, को कौन भूल सकता है, ऐसे लोग जो संपन्न थे, उन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी और ऐसा संविधान दिया कि आज कोई भी कुछ भी बन सकता है.’
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि आपको इस पद के लिए बधाई. उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि गर्वनर और उपराष्ट्रपति के पद पर गैर राजनीतिक रूप के लोग बैठने चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में शोरशराबे के बिना बिल पास होंगे. हमें उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति पद के बाद जो और भी पद हैं वहां पर भी उन्हें पहुंचना चाहिए.
सीपीआई (एम) के नेता सीताराम येचुरी ने वेंकैया के बारे में बोलते हुए कहा कि सभापति के रूप में आपका सदन में पहला दिन है, वहीं सदस्य के रूप में मेरा आखिरी दिन है. हमारी दोस्ती 40 साल की रही है, लोग हमसे पूछते थे कि दोनों अलग विचारधारा के होकर भी अच्छे दोस्त कैसे हो सकते हैं. येचुरी ने कहा कि आप अशोक चक्र और न्याय के सिंबल के नीचे बैठे हैं, हमें उम्मीद है कि आप सभी को न्याय से मौका देंगे. येचुरी ने इस दौरान वेंकैया से तेलगु में भी बात कही, उन्होंने कहा कि देश ईंट और पत्थरों से नहीं बल्कि लोगों से बनता है.
टीएमसी के नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा था कि उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में विपक्ष की आवाज़ भी जोर-शोर से उठेगी. हमें उम्मीद है कि आपके आने से बिना शोरगुल के बिल पास होंगे. उन्होंने वेंकैया के नाम की नई परिभाषा भी दी. उन्होंने NAIDU का मतलब बताया कि Now All India Dearst Umpire.
बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश मिश्रा ने कहा कि जब आज मैं यहां पर रहा था तो आपके किसी MP ने कहा था कि सतर्क रहिएगा क्योंकि अब एक सतर्क प्रिंसिपल आ गए हैं, तो मैंने कहा कि हमसे ज्यादा आपको सतर्क रहने की जरुरत है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अब सब बराबर है तो सरकार को भी झटका लग सकता है. हमें उम्मीद है कि ऐसा दिन नहीं आएगा जो 18 जुलाई को आया था, जब मायावती को बोलने का मौका नहीं दिया गया. मंत्रियों ने मायावती के बोलते ही शोर मचाना शुरू किया. कुछ लोगों ने इसलिए शोर मचाया कि वो मंत्री बन सकें. हमें उम्मीद है कि आखिरी बेंच पर बैठने वाला व्यक्ति भी बोले.
प्रफुल पटेल NCP – आज के समय में पहले जैसी चर्चा नहीं होती है, शोर ज्यादा होता है हम जैसी पार्टियां 2-3 मिनट में अपनी बात नहीं रख सकते हैं. इस सदन हंसी मजाक खत्म हो गया है, अब आप आएं हैं तो उम्मीद है आपके आने पर हंसी मजाक भी वापस आएगा.
आनंद शर्मा ने कहा कि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो पक्ष और विपक्ष के नेता रहे हो. यह दूसरी बार है कि किसी राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष उपसभापति बना है. इससे पहले शंकर दयाल शर्मा कांग्रेस के अध्यक्ष और आप बीजेपी के अध्यक्ष रहें हैं. आपको पक्ष और विपक्ष का अनुभव रहा है.
उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष नदी के दो किनारों की तरह हैं, जो अंत में जाकर देश के सागर में जाकर मिलती हैं. हमें उम्मीद हैं कि आप देशपंथ निरपेक्ष बनें. उन्होंने कहा कि आप पक्ष की ओर कम देखें लेकिन विपक्ष की ओर ज्यादा देखें. ऐसा नहीं है कि सदन में चर्चा का स्तर गिरा है. हमको सबको समझना है, देश सांझा है विरासत सांझी है. उन्होंने कहा कि वाद-विवाद भी जरूरी है.