जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : लापरवाह बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश दिया है कि वह उस रेप पीड़िता को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे जिसे पटना हाईकोर्ट ने गर्भपात की इजाजत नहीं दी थी.
बता दें कि पिछले 9 मई को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि वो उस महिला को तीन लाख रुपए मुआवजा के रूप में दें. कोर्ट ने एम्स को निर्देश दिया था कि पीड़िता के इलाज करा पूरा ग्राफिक बताएं. कोर्ट ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य में ऐसे मामलों में तत्परता से निर्णय लेने के लिए स्थाई मेडिकल बोर्ड गठित करे
साथ ही बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि उसके इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए. रेप पीड़िता एचआईवी पॉजिटिव है. उसने अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण को हटाने की अनुमति मांगी थी.
मामले में हाईकोर्ट ने इस 10 वर्षीय बलात्कार पीड़ित लडकी के 26 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की अनुमति नहीं दी थी. कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर विचार किया जिसमें कहा गया कि ‘गर्भपात करना न तो इस लड़की के जीवन के लिए अच्छा है और न ही भ्रूण के लिए.