जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । चार महीने बाद दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि 449 निजी स्कूलों को दिल्ली सरकार टेकओवर करने जा रही है, क्योंकि ये स्कूल अनिल देव सिंह की सिफारिशें को मानने को तैयार नहीं हैं.
दरअसल इससे पहले दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट की बनाई समिति की सिफारिश 449 प्राइवेट स्कूल नहीं मान रहे और लगातार नियम का उल्लंघन कर रहे हैं इसलिए सरकार इनको टेकओवर करने को तैयार है.
केजरीवाल ने कहा कि बहुत सारे स्कूल हैं जो अच्छी शिक्षा दिल्ली में दे रहे हैं. हमने उनको पहचाना है. ये सभी जिम्मेदार संस्थान हैं.
इसी मसले पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा दिल्ली सरकार शिक्षा को अभिन्न अंग मानती है. अब तक दो हिस्से थे सरकारी और प्राइवेट. प्राइवेट में पैसे वालों के बच्चे पढ़ते थे. सरकारी में ग़रीब लोगों के बच्चे पढ़ते थे. हमने ये गैप कम किया है. हमने सरकारी शिक्षा प्रणाली को अच्छा किया है.
449 प्राइवेट स्कूलों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि ये नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. हालांकि हम इन स्कूलों के ख़िलाफ़ नहीं हैं. हम जस्टिस अनिल देव सिंह की सिफारिशें लागू करेंगे. अगर प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को लूटेंगे तो वो हम नहीं होने देंगे. अब सरकार चुप नहीं बैठेगी. हम स्कूलों से अपील करते हैं कि वे अनिल देव सिंह की सिफारिशें लागू करें. यदि नहीं करेंगे तो हम स्कूलों का टेकओवर करेंगे. हमें उम्मीद है कि हमें इसकी ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
दिल्ली सरकार प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ नहीं है. ये यहां की शिक्षा का अभिन्न अंग है. जिसके पास पैसा है वो प्राइवेट स्कूल में पढ़े और जिसके पास नहीं है वो सरकारी में पढ़े. सरकारी स्कूलों से निकला गरीब का बच्चा गरीब ही रहता था. ये हमने बदला है.
आपको बता दें कि दिल्ली उच्चतम न्यायलय द्वारा बनाई अनिल देव सिंह समिति ने निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूली को ब्याज समेत वापस करने का आदेश दिया था. साथ ही समिति ने कुछ स्कूलों का विशेष निरीक्षण करने का आदेश भी दिया था. समिति के इन आदेशों को कई निजी स्कूलों ने नहीं माना था.