जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । साढ़े तीन साल में भ्रष्टाचार रहित सरकार का दावा करने वाली एनडीए सरकार पर कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान खरीद में देश के हितों को नकारने तथा खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के मीडिया विभाग प्रभारी रनदीप सिंह सुरजेवाला ने आज यहां एक प्रेस वार्ता में मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कई तीखे सवाल पूछे। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने राफेल विमान खरीद में देश के हितों और राष्ट्रीय सुरक्षा को पूरी तरह से नजर अंदाज किया। इसी का परिणाम रहा कि राफेल बनाने की जो प्रौद्योगिकी सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के पास आनी थी वह अब नहीं आएगी। और जिसके चलते फ्रांस से खरीदे विमानों के रख रखाव में सरकार को काफी पैसा व्यय करना पड़ेगा।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने फ्रांस दौरे के दौरान यूपीए सरकार द्वारा राफेल विमान के लिए किए गए समझौते और डिफेंस प्रोकोयरमेंट के नीतियों को पूरी तरह से अनदेखी करते हुए लड़ाकू विमानों के खरीद के नए समझौते की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के कथित दौरे पर अनिल अंबानी भी थे जिनकी कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने बाद में राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी डसाल्ट एविएशन के साथ समझौता किया जिसके कारण राफेल के खरीद में अंबानी की कंपनी को भी फायदा होगा।
इस दौरे के बाद 30 जुलाई 2015 को मोदी सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा राफेल विमान के लिए किए गए पूर्व के 126 विमान के लिए किए गए आरएफपी को निरस्त कर दिया। 23 सितंबर 2016 को 36 राफेल फाईटर एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए डसाल्ट के साथ 8.7 बिलियन यूएस डालर का समझौता किया। सुरजेवाला ने इस नए समझौते पर सवाल खड़ा करते हुए सवाल किया कि उन्होंने एचयूएल को किए जाने वाले ट्रांसफर आॅफ टेक्नालॉजी संबंधी प्रावधान को क्यों अनदेखा करते हुए करार किया। सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता में मोदी सरकार से कई तीखे सवाल पूछे जिसका जवाब देना सरकार के लिए कठिन साबित हो सकता है।