जनजीवन ब्यूरो/ नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस बयान ने देश के हर नागरिक का अपमान किया है। उनका बयान उन लोगों का अपमान करता है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है।
राहुल ने कहा कि इस बयान ने राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान किया है क्योंकि सेना का जवान इसे सलाम करता है। उन्होंने भागवत की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हमारे देश के शहीदों और सेना का अपमान करने की वजह से भागवत पर शर्म आती है।
वहीं केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि मोहन भागवत जी ने कहा है कि एक आम नागरिक को सेना के जवान की तरह तैयार होने में 6-7 महीने लग जाएंगे, लेकिन आरएसएस कार्यकर्ताओं को कम समय लगेगा। संविधान इजाजत देगा तो संघ के कार्यकर्ता सेना का सहयोग करने के लिए तैयार है।
रिजिजू ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत किसने मांगे थे। सेना के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए।
वहीं भागवत के बयान पर संघ की भी सफाई आई है। संघ ने कहा कि भागवत के बयान को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया है। वहीं संघ की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘मोहन भागवत भारतीय सेना की तुलना आरएसएस से नहीं कर रहे थे। हकीकत में उन्होंने कहा था कि आर्मी अपने जवानों को तैयार करने में 6 महीने का समय लेती है। अगर आरएसएस ट्रेनिंग दे तो सैनिक 3 दिन में स्वयंसेवक भी बन सकते हैं।’ सेना से तुलना के कारण सोशल मीडिया पर भागवत की काफी आलोचना हो रही थी।
आपको बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि देश के लिये लड़ने की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है, वहीं सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे।