जनजीवन ब्यूरो / नोएडा । आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपती को बरी किए जाने के हाई कोर्ट के फैसले को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तलवार दंपती को इस मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री जहां से चली थी पिछले साल अक्टूबर में वहीं पहुंच गई जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया। इस तरह देखा जाए तो ये मर्डर मिस्ट्री फिर उलझ गई।
9 साल पहले 15-16 मई 2008 की रात जब आरुषि की हत्या हुई थी तब यह सवाल उठा था कि हत्यारा कौन है? मामले की जांच शुरू हुई और जांच एजेंसी की बदलती थिअरी और उस पर उठते सवालों के बीच यह केस आगे बढ़ता रहा। हालांकि शुरुआत से लेकर आखिर तक यह केस मिस्ट्री बनी रहा और अब भी यह सवाल कायम है कि आखिर कातिल कौन है? अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और सीबीआई ने तमाम आधारों पर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। सीबीआई ने अपनी अपील में कहा है कि निचली अदालत का फैसला सही था और हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को दरकिनार कर दिया जो सही नहीं है।