जनजीवन ब्यूरो /नई दिल्ली । भाजपा के मिशन 2019 में विजय रथ को रोकने के लिए सोनिया विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में जुटीं यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की डिनर पार्टी में 17 दलों के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। डिनर में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उमर अब्दुल्ला पहुंचे। इसके साथ ही एनसीपी चीफ शरद पवार, जद (यू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, सपा के रामगोपल यादव, बसपा के सतीश मिश्रा भी शामिल हुए। सोनिया के इस डिनर में जेवीएम के बाबूलाल मरांडी, डीएमके के कनिमोझी और एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल भी शामिल हुए।
कांग्रेस की डिनर डिप्लोमेसी ऐसी समय पर है जबकि भाजपा विरोधी कुछ राजनीतिक दल कांग्रेस से इतर तीसरे मोर्चे के गठन की भी सोच रहे हैं।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते 17 विपक्षी पार्टियों को कुछ मौकों पर एकजुट करके दिखाया है। कांग्रेस की कोशिश बदले हालात में उन दलों को भी साथ करने की है जिन्हें भाजपा से परहेज है।
कांग्रेस की ओर से उन सभी 17 दलों के नेताओं को सोनिया गांधी ने स्वयं फोन करके न्यौता दिया जो पिछले दो साल से एक मंच पर दिख रहे हैं। कुछ दलों को लेकर कांग्रेस को संशय बना हुआ था।
एनसीपी से लेकर बीएसपी बनी सोनिया की मेहमान
वहीं एनसीपी के शरद पवार और तारिक अनवर के अलावा बीएसपी के सतीश चंद्र, कांग्रेस के एके एंटनी, अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सिंह सुरजेवाला और गुलाम नबी आजाद भी आज इस सियासी भोज में सोनिया गांधी के मेहमान हैं। इनके अलावा और भी कई बड़े नेता सोनिया गांधी के डिनर में पहुंच चुके हैं।
सोनिया गांधी के एक तीर से दो निशाने
सोनिया गांधी की यह ‘डिनर डिप्लोमेसी’ हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है। सोनिया ने ऐसे वक्त में यह डिनर आयोजित किया है जब बीजेपी में घमासान चल रहा है और साथ ही विपक्षी एकता की बात चल रही है। जाहिर है सोनिया गांधी इस डिनर के जरिए सभी विपक्षी दलों का विश्वास बटोरना और उन्हें एकजुट करना चाहती हैं। सोनिया गांधी के इस सियासी डिनर से कहीं न कहीं यह संकेत भी जा रहा है कि आने वाले चुनावों मे अगर मोदी का विकल्प चुना गया तो वह गठबंधन कांग्रेस के नेतृत्व में ही होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनिया गांधी ने यह बात विपक्षी दलों के सामने रखी भी है कि वे आपसी मतभेद भुलाकर साथ आएं ताकि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से बीजेपी का सफाया किया जा सके।
सोनिया गांधी के डिनर को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवालाने कहा कि यूपीए अध्यक्ष ने मित्रता और सौहार्द के नाम पर यह भोज आयोजित किया। यह कोई राजनीति नहीं है।
वहीं, शरद यादव और तेजस्वी यादव ने माना कि यह डिनर 2019 के लिए एक व्यापक गठबंधन की दिशा में उठा क़दम हैं। तेजस्वी ने कहा कि एक तरफ़ NDA बिखर रहा है, TDP, शिवसेना की नाराज़गी सामने आ रही है और दूसरी तरफ़ यहाँ 20 दल एक साथ आए हैं। राहुल के नेतृत्व में अगला चुनाव में जाने की बात पूछने पर बोले तेजस्वी अभी पीएम पद को लेकर सहमति का वक़्त नहीं आया है। वही मीसा ने तीसरे मोर्चे की सम्भावना को लेकर कहा कि इसकी कोई ज़रूरत नहीं है।