जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करने को अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन WHO ने आधिकारिक रूप से मानसिक बीमारी का दर्जा दे दिया है। वैसे लोग जो इस तरह की समस्या से पीड़ित हैं और अपना इलाज करवाना चाहते हैं उनके जीवन में WHO का यह अहम फैसला बड़ा बदलाव ला सकता है। WHO के मुताबिक, सेक्स अडिक्शन निरंतर चलने वाली एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने तीव्र, बार-बार दोहराए जाने वाले सेक्सुअल उत्तेजना या बार-बार सेक्स करने की अपनी इच्छा को कंट्रोल करने में असमर्थ रहता है। WHO ने सेक्स अडिक्शन को कैसे परिभाषित किया है इससे जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है कि सेक्स अडिक्शन को इस बात से तय नहीं किया जाता कि किसी व्यक्ति के कितने सेक्शुअल पार्टनर्स रहे हैं या फिर वह कितना या कितनी बार सेक्स करता है बल्कि सेक्स अडिक्शन को एक ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें सेक्स की लत से पीड़ित व्यक्ति अपनी सेहत, पर्सनल केयर और दूसरी जरूरी ऐक्टिविटीज और जिम्मेदारियों को भी नजरअंदाज करता है।
जब सेक्स बन जाए ऑब्सेशन
हम सभी जानते हैं कि किसी भी चीज की अति नुकसानदायक होती है। खाना, शराब या पैसा इन चीजों की लत आसानी से लग जाती है लेकिन क्या आपको पता है कि सेक्स का अडिक्शन भी होता है? जब सेक्स आपका ऑब्सेशन बन जाए तो समझ लेना चाहिए कि आप सेक्स अडिक्ट हैं। अगर आपको पता है कि आप सेक्स अडिक्ट हैं तो स्लाइड्स में दिए गए टिप्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं।
जब सेक्स बन जाए ऑब्सेशन
नियमित रूप से मास्टरबेशन करना, कभी-कभी पॉर्न देखना, पार्टनर के साथ दिन में दो बार सेक्स करना, भड़काऊ कपड़े पहने महिला पर नजर जाना वगैरह सेक्स अडिक्शन में नहीं आते। वहीं मास्टरबेशन से भी संतुष्टि न मिलना, सिर्फ पॉर्न फिल्म या तस्वीरें देखना, महिलाओं को लगातार गलत नजर से देखना, दो बार सेक्स के बाद भी संतुष्टि न मिलना, सेक्स के लिए बच्चों या कॉलगर्ल्स को ढूंढ़ना वगैरह सेक्स अडिक्शन में आता है।
जब सेक्स बन जाए ऑब्सेशन
जब लोगों को पता चलता है कि सेक्स उनके लिए अडिक्शन बन गया है तो सबसे पहले तो वे इस बात को स्वीकारते ही नहीं हैं। लेकिन खुद से मान लेना कि यह असमान्य हो गया है और समस्या है, यही आपका रिकवरी की ओर पहला कदम होगा। इस बात को इग्नोर न करें कि आप सेक्स अडिक्ट हैं, इसे फेस करें और सुलझाने की कोशिश करें।
जब सेक्स बन जाए ऑब्सेशन
वो क्या है जो जिससे आपकी सेक्स करने की इच्छा जागती है? क्या जब आप असहाय या प्यार की कमी महसूस करते हैं तब ऐसा होता है? या फिर आपको लगता है कि जीवन बहुत छोटा है आपको हर इच्छा पूरी करते रहना चाहिए? अगर आप समझ जाएंगे कि आपको किन वजहों से सेक्स की तलब लगती है तो इन्हें अवॉइड करने में मदद मिलेगी।
जब सेक्स बन जाए ऑब्सेशन
जब आपको पता चल जाए कि किन वजहों से आपको सेक्स की तलब लगती है तो इनसे बचने की पूरी कोशिश करें। कहीं और अपना ध्यान लगाएं। अपनी दूसरी रुचियों पर ध्यान दें। ये रुचि कुछ भी हो सकती है- राइटिंग, कुकिंग, डांसिंग, ट्रेकिंग वगैरह। आपकी ऊर्जा किसी रचनात्मक काम में लगनी चाहिए।
जब सेक्स बन जाए ऑब्सेशन
अगर यह लत आपके हाथ से निकल चुकी है और आपको लगता है कि आप इसे कंट्रोल नहीं कर सकते तो आप किसी प्रफेशनल से मिलें। आपको कई सारे प्रफेशनल्स और काउंसलर्स मिल जाएंगे। ध्यान रखें कि आप अकेले नहीं हैं जिसके साथ यह समस्या है और इसमे शर्मिंदगी जैसी कोई बात नहीं। दूसरी लतों की तरह यह भी एक लत ही है।
जब सेक्स बन जाए ऑब्सेशन
ऐसे लोगों से मिलें जिन्हें आपकी तरह ही प्रॉब्लम हो। कई ऐसे ग्रुप्स हैं जिनमें इस लत को छुड़ाने के लिए नियमित रूप से बैठके होती हैं।
सेक्स अडिक्शन तब जब 6 महीने तक दिखे लक्षण
अगर किसी व्यक्ति में लगातार 6 महीने तक ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई पड़ते हैं और अगर कोई व्यक्ति सेक्स की वजह से अपने काम, पढ़ाई, परिवार और दोस्तों तक की जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करने लगे तो उसे सेक्स अडिक्शन की कैटिगरी में रखा जा सकता है। अभी कुछ दिनों पहले ही WHO ने गेमिंग अडिक्शन को मानसिक बीमारी की उसी कैटिगरी में रखा था जिसमें सेक्स अडिक्शन को रखा गया है।
इससे क्या फायदा होगा?
दुनियाभर के एक्सपर्ट्स WHO के इस कदम से बेहद खुश हैं और उनका मानना है कि सेक्स अडिक्शन को मानसिक बीमारी की कैटिगरी में रखने से इस समस्या से पीड़ित लोगों को इलाज के कई ऑप्शन्स मिल पाएंगे और इस क्षेत्र में रिसर्च भी हो पाएगी। फिलहाल कुछ ही लोग हैं जो सेक्स अडिक्शन से परेशान लोगों की मदद करना चाहते हैं लेकिन अब चूंकि इसे आधिकारिक रूप से मानसिक बीमारी मान लिया गया है तो स्थिति में जल्द बदलाव होगा।