जनजीवन ब्यूरो / लंदन । इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मौजूदा एनडीए सरकार पर करारा प्रहार किया। उन्होंने पाकिस्तान से लेकर चीन तक का जिक्र किया। राहुल गांधी ने कहा एनडीए सरकार की विदेश नीति में स्थायित्व नहीं है। अपनी बात को बढ़ाते हुए वो कहते हैं कि पाकिस्तान से ये सरकार कभी बात करती है तो कभी तल्खी के साथ पेश आती है। ये किसी राष्ट्र की विदेश नीति नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के लिए राफेल समझौता बदल दिया है। वहीं उन्होंने 2019 के लोकसभा पर कहा कि अगला चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने वाला है। आगामी चुनाव भाजपा-आरएसएस बनाम पूरा विपक्ष होगा।
डोकलाम के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा सरकार इसे एक घटना के तौर पर देखती है। लेकिन हकीकत में ये पिछले कई घटनाओं की कड़ी में एक घटना थी। पीएम नरेंद्र मोदी इसे पृथक घटना के तौर पर देखते हैं। यदि उन्होंने चीन की तरफ से घुसपैठ की घटनाओं पर ध्यान दिया होता तो शायद डोकलाम का मुद्दा आया ही नहीं होता। वो डोकलाम की घटना को रोक सकते थे। लेकिन ऐसा कर पाने में वो नाकाम रहे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माना है कि 10 साल सत्ता में रहने पर कांग्रेस पार्टी में थोड़ा घमंड आ गया था, इसलिए वे 2014 का चुनाव हार गए। कार्यक्रम के दौरान राहुल से पूछा गया था कि उनकी पार्टी ने 2014 में मिली चुनावी शिकस्त से क्या सीखा। इस पर उन्होंने कहा, 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस में कुछ हद तक दंभ आ गया था और हमनें सबक सीखा। आपको सुनना होगा – नेतृत्व का आशय सीखना है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में रोजगार बड़ी समस्या है। और इसे स्वीकर करना होगा। लेकिन सरकार इस बात को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। एलएसई में नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्युमनाई यूनियन (ब्रिटेन) के साथ बातचीत में गांधी ने राफेल समझौते में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक कारोबारी का पक्ष लेने का आरोप लगाया जिसके पास विमान उत्पादन में कोई अनुभव नहीं था। राहुल गांधी ने कहा कि राफेल सौदा अनिल अंबानी को दिया गया जिनके ऊपर 45 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था और उन्होंने अपने जीवन में कभी कोई विमान नहीं बनाया। बता दें कि राहुल गांधी इस समझौते को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोलते रहे हैं और उसपर यूपीए के पूर्व शासन में तय हुए समझौते से ज्यादा कीमत पर करार का आरोप लगाते रहे हैं।
बेरोजगारी आपदा है
राहुल गांधी ने बेरोजगारी पर बोलते हुए कहा कि पहले हमें यह स्वीकार करना होगा कि देश में रोजगार की समस्या है। उन्होंने कह कि मैं उन लोगों के प्रति सहानुभूति महसूस करता हूं जो कमजोर और सताए हुए होते हैं। उन्होंने कहा कि चीन जहां एक दिन में 50 हजार नौकरियां दे रहा है वहीं हमारे यहां एक दिन में सिर्फ 450 नौकरियां दी जा रही हैं। यह एक आपदा है।
उन्होंने कहा कि मैं अर्थव्यवस्था, समाजशास्त्र और राजनीति को अलग-अलग नहीं देखता। क्योंकि यह सब एक प्रक्रिया है, जो एक साथ काम करती है। इस प्रक्रिया ने हमारे देश में 100 वर्षों में 1।3 अरब लोगों को बदल दिया। भारतीय किसान किसी कृषि विशेषज्ञ से ज्यादा ज्ञान रखता है। उन्होंने कह कि मैं अलग-अलग समुदायों के पास जाना पसंद करता हूं। सामाजिक न्याय केवल तभी संभव है जब लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत किया जाए।
संसद और संविधान
राहुल गांधी ने ब्रिटिश संसद के एक कमरे का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक सज्जन ने एक कमरा दिखाया, वहां से कभी भारत को चलाया जाता था। लेकिन आज वहां 10-12 भारतीय सांसद हैं जो उसी कमरे से ब्रिटेन की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारतीय संसद का स्तर गिर रहा है। संसद में 50 और 60 के दशक में बहस की गुणवत्ता अधिक थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सांसदों के पास कानून बनाने की शक्ति नहीं है। राहुल ने कहा कि आज संविधान पर हमला हो रहा है लेकिन हम उसका बचाव कर रहे हैं। हमारी पहली प्राथमिकता जहर को फैलाने से रोकना है। मैं और पूरा विपक्ष इस बात पर सहमत है।
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री जी को संदेश भेजा है कि जिस दिन वो महिला आरक्षण विधेयक पारित कराना चाहते हैं, पूरी कांग्रेस पार्टी खुशी से बीजेपी का सहयोग करेगी। लेकिन वो ऐसा नहीं करना चहते हैं। हम महिलाओं के ज्यादा अधाकिर देना चाहते हैं।
डोकलाम में आज भी चीन की मौजूदगी है
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर कहा कि पीएम मोदी के लिए डोकलाम विवाद एक इवेंट है। अगर इस पर सही समय पर ध्यान दिया जाता तो इसे रोका जा सकता था। डोकलाम कोई अलग मुद्दा नहीं है। यह कई घटनाओं का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह हकीकत है कि डोकलाम में आज भी चीन की मौजूदगी है। उन्होंने कहा कि हमारे पीएम को पास पाकिस्तान को लेकर भी कोई रणनीति नहीं है। पाक के साथ बातचीत करना मुश्किल है। क्योंकि वहां कोई ऐसी संस्था नहीं है जो सर्वोच्च हो।
आरएसएस ने दिया नोटबंदी का विचार
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज मैं भारत को अपनी ताकत बढ़ाते हुए नहीं देख पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के पीछे आरएसएस का हाथ है। नोटबंदी का विचार वित्तमंत्री और आरबीआई को नजरंदाज करके सीधे आरएसएस से आया और प्रधानमंत्री के दिमाग में बैठा दिया गया। उन्होंने कहा कि आज आरएसएस भारत की प्रकृति को बदलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि आरएसएस की सोच अरब देशों के मुस्लिम ब्रदरहुड जैसी है।