जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । (सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के संबंध में सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में एजेंसी ने डीएसपी देवेन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई प्रमुख और उप प्रमुख को तलब किया है।
गौरतलब है कि अस्थाना पर आरोप है कि मीट निर्यातक मोइन कुरैशी की संलिप्तता वाले एक मामले की जांच में एक कारोबारी को राहत देने के लिए उन्होंने कथित तौर पर घूस ली थी।
सीबीआई ने अस्थाना के साथ अपनी एसआईटी के डेप्युटी एसपी के अलावा कई के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज किया था। CBI ने अस्थाना पर दर्ज एफआईआर में मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से 3 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। बता दें कि अस्थाना ही कुरैशी के खिलाफ जांच की कमान संभाल रहे थे। वहीं, अस्थाना ने उन पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए सीधे सीबीआई चीफ पर उन्हें फंसाने का आरोप जड़ा है।
हैदराबाद के एक बिजनसमैन सतीश बाबू सना की शिकायत के आधार पर सीबीआई के दूसरे नंबर के शीर्ष अधिकारी राकेश अस्थाना पर दर्ज एफआईआर में इस बात का दावा किया गया है कि उन्होंने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर को पिछले वर्ष लगभग तीन करोड़ रुपये दिए थे। सना का यह बयान सीआरपीसी की धारा 164 के अंतर्गत मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया गया, जो कि कोर्ट में भी मान्य होगा। बता दें कि मोइन कुरैशी से 50 लाख रुपये लेने के मामले में सना भी जांच के घेरे में था, इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व अस्थाना कर रहे थे।
दावा किया गया है कि पिछले वर्ष डीएसपी देवेंद्र कुमार द्वारा की गई पूछताछ में दुबई के एक इन्वेस्टमेंट बैंकर मनोज प्रसाद ने उन्हें सीबीआई से उनके अच्छे संबंधों के बारे में बताया। यही नहीं, इस मामले में यह भी बताया गया कि उनका भाई सोमेश उसकी इस केस से बाहर निकलने में मदद करेगा। सना ने कहा कि वह मनोज को लगभग दस वर्षों से ज्यादा वक्त से जानता है।
नई दिल्ली सीबीआई यूनिट के एसपी की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना, सीबीबाई एसआईटी के डीएसपी देवेंद्र कुमार के साथ मनोज प्रसाद, सोमेश प्रसाद और अज्ञात सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट लोगों के खिलाफ रेग्युलर केस दर्ज किया गया है। सीबीआई 16 अक्टूबर को ही प्रसाद को गिरफ्तार कर चुका है।