जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने आज रात पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में देशभर में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की ।
एक सरकारी बयान के अनुसार, ‘‘ भारत सरकार बेहद दुख के साथ भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का शाम सात बजकर 45 मिनट पर शिलांग के बेथानी अस्पताल में निधन होने की घोषणा करती है ।’’ ‘‘दिवंगत हस्ती के सम्मान में देशभर में 27 जुलाई से दो अगस्त तक : दोनों दिन शामिल : राजकीय शोक रहेगा।’’ राजकीय शोक की इस अवधि में देशभर में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा जहां यह नियमित रूप से फहराया जाता है और कोई सरकारी समारोह नहीं होगा।
कलाम के परिजनों के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति का अंतिम संस्कार के तमिलनाडु के रामेश्वरम में किया जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तमिलनाडु के विकास के संबंध में अपनी एक ‘‘महत्वाकांक्षी किताब’’ पर काम कर रहे थे और तमिल भाषा में लिखी जा रही इस किताब के उन्होंने सात अध्याय पूरे कर लिए थे और यह किताब तकरीबन पूरी ही होने वाली थी कि कलाम बीच में ही चले गए। कलाम की ‘विजन 2020’ में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की कल्पना की गयी थी और इसी प्रकार कलाम तमिलनाडु के लिए भी ऐसी ही एक किताब पर काम कर रहे थे।
किताब के सह लेखक तथा कलाम के वैज्ञानिक सलाहकार वी पोनराज ने बताया कि ‘‘एन्नाथिल नालामिरूंथाल कनावू तमिलगम उरूवागम, पुयालाई थांडीनाल थेंडराल’’ शीर्षक वाली किताब के सात अध्यायों को काफी विस्तृत विचार विमर्श के बाद अंतिम रूप दे दिया गया था। उन्होंने बताया कि 23 जुलाई को इस किताब पर उनकी कलाम से अंतिम बात हुई थी। पोनराज ने तमिल टीवी चैनल को बताया, ”वह एक विकसित तमिलनाडु का सपना देखते थे और चाहते थे कि यह राज्य फले फूले। किताब में उनकी इसी दृष्टि को पेश किया गया है।’’ कलाम अंतिम समय तक सक्रिय थे और अपने ट्विटर एकाउंट पर उन्होंने शिलांग व्याख्यान के बारे में लिखा था जो उनका अंतिम भाषण रहा।