जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर यूनिसेफ ने एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें बताया कि किस तरह से भारत सरकार स्वच्छ भारत अभियान को जमीनी हकीकत पर उतारा । इस मौके पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आदि काल से लोग पर्यावरण को तीन दैविक रूप अग्नि,जल और वायु में बांटकर पूजा कर रक्षा करते थे। मगर महज पिछले 1-2 पीढ़ी के लोगो के उदासीनता के कारण आज हमे पर्यावरण दिवस मनाना पड़ रहा है। लेकिन खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण आज हमें शौचालय का समसस्या से निजात पा चुके है। जो पर्यावरण रक्षा का मिशाल है।
इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन को जनआंदोन का रूप देकर एक सपना साकार किया उसी का नतीजा है कि एक बार फिर देश की जनता ने अपनी पचंड बहुमत देकर विश्वास दिया।
कार्यक्रम को रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए यूनिसेफ के प्रतिनिधि यशमिन अलि हक ने कहा कि भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत कई कार्यक्रमों के साथ-साथ शौचालय कार्यक्रम ने देश को आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया। जिस कारण विश्व में एक पहचान बना।
कार्यक्रम में मंत्री शेखावत का कहना था कि पर्यावरण को दिवस के रूप में मानाया जाना सोचनीय है। जबकि देश में आदिकाल और औपनिषद काल से पर्यावरण को दैवीय रूप में पूजा जाता रहा है। जिसे जल,वायु और अग्नि नाम दिया गया। उनका कहना था कि ऋगवेद में 10427 मंत्र इन देवताओं के स्तुति के रूप में कहा गया है। मगर पिछले 1-2 पीढ़ी के लोगों द्वारा पर्यावरण के प्रति उदासीनता के कारण आज पर्यावरण दिवस मनाने की नौबत आया।
मंत्री शेखावत ने पुराने सरकार के उदासीनता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ इच्छा-शक्ति का हवाला देते हुए कहा कि जब लालकिला के प्राचीर से मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान का नारा दिया उस समय किसी ने नही माना था कि यह एक जनआंदोलन को रूप लेगा। मगर देखते-देखते ही अगामी 2-3 माह में देश में शत-प्रतिशत परिवार शौचालय युक्त हो जाएगा। जिसका नतीजा रहा कि खुले में शौच करने से जहां साल में 3 लाख लोग काल के गाल में समा जाते थे, वह जिंदगिया अब बच गई। इतना ही इस प्रयास से पर्यावरण में भी ऐतिहासिक सुधार आया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री जी का अगला लक्ष्य हर घर को पीने का पानी मुहैया कराना है। जिसके लिए सरकार ने ’जल शक्ति’ मंत्रालय’ का गठन भी कर दिया है।