जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । राजधानी के सफदरजंग अस्पताल में बुधवार से नए ‘हेल्प कियोस्क’ शुरू किए गए। साथ ही मरीजों और डॉक्टरों के बीच टकराव और तनाव की घटनाएं कम करने के लिए कॉउंसलिंग सेवा की शुरुआत भी की गई। यह सफदरजंग अस्पताल और समाजसेवी संस्था ‘आओ साथ चलें’ का साझा अभियान है। अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. सुनील गुप्ता और संस्था के राष्ट्रीय संयोजक विष्णु मित्तल ने इन सेवाओं का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मौजूद आरएसएस के प्रांतीय कार्यवाह भारत भूषण ने कहा कि सेवा से ज्यादा संतोष किसी और कार्य से नहीं मिल सकता। उन्होंने अस्पताल में शुरू किए गए सेवा प्रकल्प से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का आह्वान किया। वहीं, डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में रोज करीब 50 हजार मरीज आते हैं। डॉक्टर और स्टाफ की संख्या सीमित होने के बावजूद मरीजों का बेहतर इलाज करने का प्रयास किया जाता है। फिर भी कई बार कम्युनिकेशन गैप के चलते डॉक्टर और मरीजों में तनाव की घटनाएं हो जाती हैं। भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के सहप्रभारी डॉ. अनिल गोयल ने कहा कि इन नई सेवाओं से डॉक्टरों और मरीजों के बीच बढ़ते अविश्वास के मामले कम करने में मदद मिलेगी। उनकी कोशिश रहेगी कि आओ साथ चलें संस्था के साथ सभी सरकारी अस्पतालों में ये सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
संस्था के राष्ट्रीय संयोजक विष्णु मित्तल ने कहा कि उनकी संस्था पहले से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी ये सुविधाएं प्रदान कर रही है। सफदरजंग अस्पताल में भी नियुक्त किये गए काउंसलर और हेल्प कियोस्क पर तैनात सभी वोलेंटियर्स का पूरा खर्च ‘आओ साथ चलें’ संस्था वहन करेगी। इस अवसर पर आरएसएस के दिल्ली प्रान्त के प्रचार प्रमुख रितेश अग्रवाल, सुनील मित्तल और डॉ. मोनिका पंत भी मौजूद रहे।