जनजीवन ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्ग मोदी ने आज अपने हास परिहास अंदाज में कहा कि जीवन में जो कुछ हासिल किया है उसमें चायवाला सहित समाज के प्रत्येक व्यक्ति ने कुछ न कुछ योगदान दिया है।
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड रिसर्च :पीजीआईएमईआर: के 34वें दीक्षांत समारोह को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने युवा डॉक्टरों को अपना संदेश देने के लिए चायवाला की अपनी पृष्ठभूमि का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा, ”हमें :डॉक्टरों को: भी समझना होगा कि हम डॉक्टर कैसे बनते हैं, हमारा दिमाग तेज होता है, प्रवेश परीक्षा में अच्छे अंक पाते हैं और अच्छी कोचिंग पाते हैं, जिससे कि हम डॉक्टर बनते हैं…यदि हम ऐसा सोचते हैं तो हमारी सोच अधूरी हो सकती है…।’’
फिर, मोदी ने छात्रों से कहा कि एक वार्ड ब्वॉय भी आपको डॉक्टर बनाने में अवश्य ही भूमिका निभाता है। रात के वक्त आप को चाय बेचने वाला भी आपको डॉक्टर बनाने में एक भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि परीक्षा कÞ समय सर्द रात में आप :डॉक्टर: किसी पेड़ के नीचे चाय बेचने वाले व्यक्ति को अवश्य जगाते होंगे और उससे कड़क चाय बनाने को कहते होंगे। वह अवश्य ही आप से कहता होगा कि ठंड बहुत है और सोने दीजिए। लेकिन आप अवश्य ही जोर देते होंगे और उनसे कहते होंगे कि कल आपको परीक्षा में बैठना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह गरीब आदमी अवश्य ही जग जाता होगा और आपके लिए चाय बनाता होगा, जिसके सहारे आप उस रात दो घंटे अधिक पढ़ाई करते होंगे और अगले दिन जब आप अपनी परीक्षा में बैठते होंगे और कुछ अंक पाते होंगे। क्या उस चायवाले का कोई योगदान :आपको डॉक्टर बनाने में नहीं है।
उन्होंने कहा, ”इसतरह, जीवन में हम जो कुछ बनते हैं वह सिर्फ अपने बूते नहीं होते बल्कि उसमें समाज के हर किसी का छोटा…छोटा योगदान होता है, हर कोई कुछ न कुछ भूमिका निभाता है।’’
उन्होंने कहा, ”इसका मतलब है कि हम सरकार के चलते डॉक्टर नहीं बने हैं बल्कि समाज के चलते बने हैं और उसका कर्ज उतारना हमारी जिम्मेदारी है।’’