जनजीवन ब्यूरो /नई दिल्ली । कांग्रेस नेता , सांसद राहुल गांधी नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान को लेकर बात की। दोनों ने अर्थव्यवस्था की चुनौतियों, कोरोना संकट से निकलने को लेकर मंथन किया। बनर्जी ने सलाह दी कि लोगों को नकदी हस्तांतरित करने की जरूरत और कर्ज माफी पर बात की। देश की अर्थव्यवस्था को उबारने और सरकार को सुझाव देने के लिए राहुल विभिन्न विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले हफ्ते उन्होंने रिजर्व बैक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बात की थी।
बैंकों की चुनौती से किस तरह से निपटें
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज नकदी की दिक्कत होगी, बैंकों के सामने कई तरह की चुनौती होगी और नौकरी बचाना मुश्किल होगा। जिसपपर अभिजीत ने कहा कि सच होने वाला है। ऐसे में देश में आर्थिक पैकेज की दरकार है। अमेरिका-जापान जैसे देशों ने ऐसा किया है। हमारे यहां नहीं हुआ। छोटे उद्योगों की मदद करनी चाहिए। तिमाही का ऋण भुगतान खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप है इसलिए आर्थिक मदद की ज्यादा जरूरत है।
राहुल के सवाल पर अभिजीत ने कहा कि भारत में अभी मांग की समस्या है क्योंकि किसी के पास पैसा नहीं है तो कोई कुछ खरीद ही नहीं रहा है। ऐसे में लोगों के आर्थिक मदद पहुंचाने में किसी तरह की देरी बेकार है। लॉकडाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप है इसलिए आर्थिक मदद की ज्यादा जरूरत है।
लॉकडाउन से बाहर निकलने का क्या है तरीका
बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि जितनी जल्दी लॉकडाउन से बाहर आया जाए उतना अच्छा है लेकिन उसके बाद भी एक योजना होनी चाहिए। वरना सारा पैसा बेकार है। जिसपर बनर्जी ने कहा कि हमें महामारी के बारे में पता होना चाहिए। लॉकडाउन बढ़ाने से कुछ नहीं होगा। राहुल ने कहा कि आज देश में राशन कार्ड कम है लोगों के पास खाना नहीं है। जिसपर नोबेल विजेता ने कहा कि हमने पहले भी इसपर सलाह दी है। सरकार को अभी राशन कार्ड जारी करने चाहिए, जो कम से कम तीन महीने काम करें और हर किसी को मुफ्त में राशन मिल सके। हर किसी को इस समय चावल, दाल, गेहूं और चीनी की जरूरत है। यदि किसी को पैसा पहुंचाना है तो उसके लिए एक वातावरण चाहिए। जिसके पास खाता है उसे पैसा मिल सकता है लेकिन जिसके पास खाता नहीं है उसके बारे में सोचना होगा। ऐसे में राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा मदद देनी होगी ताकि किसी तरह से आम लोगों तक पैसा पहुंच जाए।