जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति की वरिष्ठ मंत्रियों और शीर्ष नौकरशाहों के साथ समीक्षा की। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, उन्होंने दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में महामारी की स्थिति का जायजा लिया। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, पीएम के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के डीजी आदि शामिल हुए।
बैठक के दौरान यह बात सामने आयी कि भारत में कोविड-19 संक्रमण के दो तिहाई मामले पांच राज्यों में है और इसमें बड़ी संख्या बड़े शहरों में है। कोरोना को लेकर जिस तरह से चुनौतियां सामने आ रही हैं, खासकर बड़े शहरों में, प्रतिदिन मामलों में बढ़ोतरी से निबटने के लिए टेस्टिंग और अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया, यह देखा गया है कि देश में कुल मामलों में से दो-तिहाई मामले पांच राज्यों में हैं, यहां कोरोना का प्रभाव सबसे अधिक है।
विशेष रूप से बड़े शहरों के सामने पेश चुनौतियों के मद्देनजर, रोजाना बढ़ रहे मामलों को सही तरीके से संभालने के लिए यहां परीक्षण बढ़ाने के साथ-साथ बिस्तर और सेवाओं की संख्या को भी प्रभावी ढंग से बढ़ाने पर चर्चा की गई।
बाद में प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने देशभर में कोविड-19 की स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा, हमने आगे का खाका और संक्रमण की अधिकता वाले क्षेत्रों में महामारी को रोकने के उपायों पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, नीति आयोग के सदस्य और चिकित्सकीय आपात स्थिति प्रबंधन योजना से संबंधित अधिकार प्राप्त समूह के संयोजक डॉ. विनोद पॉल ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और मध्यावधि में इससे जुड़े मामलों के भावी परिदृश्य के बारे में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में बिस्तरों व पृथक बिस्तरों की शहर और जिलावार जरूरतों से संबंधित अधिकार प्राप्त समूह की सिफारिशों का संज्ञान लिया और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को राज्यों/संघशासित प्रदेशों के साथ परामर्श कर आपात योजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने मंत्रालय को मानसून की शुरुआत के मद्देनजर उपयुक्त तैयारियां सुनिश्चित करने का भी परामर्श दिया।
पीएम मोदी ने समीक्षा बैठक में वर्तमान में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चर्चा हुई और अगले 2 महीने में मामलों के अनुमान पर भी बात की गयी। दिल्ली में बढ़ते मामलों पर पीएम मोदी ने सलाह दी कि गृह मंत्री को दिल्ली के एलजी अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक करनी चाहिए। बैठक में बड़े अधिकारियों को भी शामिल किया जाना चाहिए और योजना बनानी चाहिए कि कैसे कोरोना संकट से कारगर तरीके से निबटा जा सके।
गौरतलब है कि देश में महज 10 दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दो लाख से बढ़कर तीन लाख के पार हो गये हैं। एक दिन में सर्वाधिक 11,458 मामले सामने आने से शनिवार को संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,08,993 हो गये हैं, वहीं संक्रमण से 386 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 8,884 हो गयी है। विश्व में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में भारत चौथे नंबर पर पहुंच गया है।
दिल्ली के एलजी, मुख्यमंत्री और अधिकारियों के साथ कल बैठक करेंगे अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा के लिए रविवार को दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व अन्य के साथ बैठक करेंगे। यह बैठक कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बुलायी गयी है। इसके अलावा वह अलग से दिल्ली के तीनों नगर निगमों और निगम आयुक्तों के साथ भी एक बैठक करेंगे।
दिल्ली में संक्रमण के 36 हजार मामले सामने आ चुके हैं जबकि अब तक इस महामारी से राजधानी में 1200 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। शाह के कार्यालय की तरफ से किये गये ट्वीट में कहा गया, गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के संदर्भ में स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली के उप- राज्यपाल, मुख्यमंत्री और एसडीएमए के सदस्यों के साथ कल, 14 जून को सुबह 11 बजे बैठक करेंगे। एम्स के निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।