जनजीवन ब्यूरो
अहमदाबाद. पाटीदार पटेल आंदोलन के संयोजक हार्दिक पटेल गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले की बायड तहसील में मंगलवार शाम को रैली से पहले लापता हो गए। हार्दिक का कहना है कि वह रैली से नहीं भागे थे, बल्कि उनका अपहरण कर लिया गया था। उनके अनुसार अपहरणकर्ता रात भर कार में घुमाने के बाद उन्हें बुधवार सुबह धांगध्रा हाइवे पर छोड़कर फरार हो गए।
हार्दिक पटेल के साथियों के मुतााबिक बुधवार दोपहर को हार्दिक का फोन आया जिसमें उन्होंने बताया कि वह इस समय सुरेंद्रनगर जिले के धांगध्रा हाईवे पर कुछ पटेल साथियों के साथ हैं। दोस्तों के मुताबिक हार्दिक को स्विफ्ट कार से अगवा कर अरवल्ली जिले में रात भर घुमाया गया। हार्दिक के ने यह भी बताया गया है कि कार में बैठे एक शख्स ने उनसे कहा कि अगर तुम आंदोलन से अलग नहीं हुए तो ठोक दिए जाओगे। उन्हें बंधक बनाने वाले पुलिसकर्मी थे या और कोई, ये तो उन्हें नहीं पता। लेकिन कार में बैठे तीन शख्सों के पास रिवॉल्वर थी।
उधर गांधीनगर रेंज के आईजी हंसमुख पटेल ने बताया कि उन्हें हार्दिक के मिलने की आधिकारिक सूचना नहीं है। उनका पता चलते ही उन्हें माननीय हाई कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। पुलिस ने हडवद के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। उस स्थान जहां पर उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस करने का दावा किया था, पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए हार्दिक हडवद से निकलने के प्रयास में हैं। वह अपने वकील के साथ अदालत में पेश होना चाहते हैं। गृह राज्य मंत्री रजनी पटेल ने हार्दिक को गुपचुप ढंग से गाडी में कैद रखे जाने के कथित दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए गांधीनगर में पत्रकारों से कहा कि यह पूरी तरह तथ्यविहिन हैं।