मृत्युंजय कुमार / अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले इंडोनेशिया सहित दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो भगवान राम के नाम का वंदन करते हैं. राम मंदिर को भारतीय संस्कृति की ‘‘समृद्ध विरासत’ का द्योतक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि रामायण इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस, मलेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल में प्रसिद्ध और पूजनीय है. राम मंदिर का भूमि पूजन करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम के नारों के साथ शुरू किया. उन्होंने कहा कि जय सिया राम के नारे आज सिर्फ अयोध्या में नहीं बल्कि आज पूरे विश्व में गूंज रहे हैं.
पीएम मोदी ने अपना भाषण जय श्रीराम के नारों के साथ शुरू किया. उन्होंने कहा कि जय सिया राम के नारे आज सिर्फ अयोध्या में नहीं बल्कि आज पूरे विश्व में गूंज रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि राम भूमि ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया और इस अवसर का साक्षी बनने का मौका दिया. पीएम मोदी ने कहा कि सरयू के किनारे आज स्वर्णिम अध्याय लिखा जा रहा है. आज पूरा भारत राममय है. पूरा देश रोमांचित है. हर मन दीपमय है. आज पूरा भारत भावुक है. सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है.
अपने आधे घंटे से अधिक समय के संबोधन में पीएम ने कहा, ‘राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्टझ ने मुझे आमंत्रित किया, मैं इसके लिए ट्रस्ट का हृदय से आभार व्यअक्तत करता हूं. आना स्वाकभाविक था राम काज कीन्हेा बिना मोहु कहा विश्राम. उन्होंमने कहा कि आज सारी दुनिया में इसकी गूंज है. पहले मैं मां जानकी की याद कर लूं जय सिया राम, जय सिया राम की पूरे विश्व में गूंज है. उन्होंने इस मौके पर दुनियाभर में फैले रामभक्तोंप को बधाई दी.प्रधानमंत्री ने कहा, आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए. इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं और हमारी संस्कृति का आधार हैं.पीएम ने कहा, दशकों के इंतजार के बाद भारत भावुक हो गया है.करोड़ों को विश्वास नहीं होगा कि उन्होंने हमारे जीवनकाल में इस दिन को देखा है.वर्षों से, हमारे रामलला (शिशु भगवान राम) एक तम्बू के नीचे रहते थे, अब वह रामभक्तों द्वारा निर्मितभव्य मंदिर में निवास करेंगे.आज, राम जन्मभूमि को आजाद कर दिया गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान राम का जिक्र ईरान और चीन तक में पाया गया है और ‘‘राम कथा’’ कई देशों में प्रचलित है. उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में कितने ही देश राम के नाम का वंदन करते हैं. वहां के नागरिक खुद को श्रीराम से जुड़ा हुआ मानते हैं. विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या जिस देश में है, वो है इंडोनेशिया. वहां हमारे देश की ही तरह ‘काकाविन’ रामायण, स्वर्णद्वीप रामायण, योगेश्वर रामायण जैसी कई अनूठी रामायण हैं. राम आज भी वहां पूजनीय हैं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार कंबोडिया में ‘रमकेर रामायण’, लाओ में ‘फ्रा लाक फ्रा लाम’ रामायण, मलेशिया में ‘हिकायत सेरी राम’ तो थाईलैंड में ‘रामाकेन’ रामायण है. उन्होंने कहा, ‘‘आपको ईरान और चीन में भी राम के प्रसंग तथा राम कथाओं का विवरण मिलेगा.’’
जानकी हरण के नाम से श्रीलंका में सुनाई जाती है रामकथा
मोदी ने कहा कि श्रीलंका में रामायण की कथा ‘‘जानकी हरण’’ के नाम से सुनाई जाती है और नेपाल का तो राम से आत्मीय संबंध माता जानकी से जुड़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ही दुनिया के और न जाने कितने देश हैं, कितने छोर हैं, जहां की आस्था में या अतीत में, राम किसी न किसी रूप में रचे बसे हैं. आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा, आज भी प्रचलित है.’’
मोदी ने उम्मीद जताई कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी. उन्होंने कहा, ‘‘आखिर राम सबके हैं, सब में हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला भव्य राम मंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राम मंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता और जीत का प्रमाण है, ये दिन सत्य-अहिंसा-आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है. कोरोना वायरस से बनी स्थितियों के कारण भूमिपूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच आयोजित रहा है. इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था और हर किसी की भावना का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था. पीएम ने कहा कि इस मंदिर के साथ इतिहास खुद को दोहरा रहा है, जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर, केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को राम की सेवा करने का सौभाग्य मिला.पीएम ने भाषण का समापन करते हुए भगवान राम और माता सीता का सभी लोगों पर आशीर्वाद बना रहे, यह कामना करते हुए मैं अपने संबोधन का विराम देता हूं.