अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की नई सूची जारी की है। पार्टी ने गुरुवार को 41 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की। कांग्रेस ने हाजी अखलाक को कैराना से टिकट दिया है। इस सूची में 16 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं। इससे पहले कांग्रेस ने गत 13 जनवरी को अपने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इन उम्मदीवारों में 50 महिला प्रत्याशी हैं। उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि 125 उम्मीदवारों में 40 प्रतिशत महिलाएं और 40 फीसदी युवा हैं।
कांग्रेस ने सहारनपुर नगर से सुखविंदर कौर, थाना भवन से सत्य श्याम सैनी, शामली मो. आयूब जंग, बुढाना से देवेंद्र कश्यप, चरथावल से डॉक्टर यासमीन राणा को टिकट दिया है।
‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ नारे के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उत्तरी कांग्रेस पार्टी ने आज अपने प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। बुलंदशहर सदर सीट पर टिकट मांग रही महिला प्रत्याशी गीता रानी शर्मा को टिकट ना दिए जाने पर उनका दर्द मीडिया के सामने छलका गया। हालांकि, उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है।
कांग्रेस कार्यकर्ता गीता रानी शर्मा की मानें तो वो पिछले काफी समय से कांग्रेस से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं। लेकिन कांग्रेस ने आज जो अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है उसमें अपना नाम नहीं होने पर वह फूट-फूटकर रोने लगीं। इसके साथ उन्हों ने कांग्रेस पर धोखेबाजी का आरोप लगाया है। गीता रानी शर्मा ने कहा कि मेरा परिवार 1990 से कांग्रेसी है और मैं पिछले काफी समय से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी।
बताया कि प्रियंका गांधी के ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ स्लोेगन से मुझे बहुत उम्मी द मिली थी, लेकिन कांग्रेस ने मेरा टिकट काट दिया। परिवार की कुर्बानियों का कांग्रेस से ये सिला मिला है। प्रियंका गांधी को संबोधित करते हुए गीता रानी शर्मा ने कहा कि पार्टी को सर्वे के आधार पर टिकट देना चाहिए था, लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया है। इसके साथ उन्होंकने रोते हुए कहा कि मैं किसी दल में नहीं जाऊंगी और निर्दलीय मैदान में उतरूंगी। वहीं, उन्होंने 10 मार्च तक खाना नहीं खाने और भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है।
सरकार नौकरी छोड़ राजनीति में उतरीं गीता रानी शर्मा
राजनीति के लिए पुलिस की सरकार नौकरी छोड़कर एलएलबी करने का फैसला किया था। वह इस वक्तत एलएलबी की छात्रा हैं। जबकि उनका परिवार कांग्रेसी है, इसलिए वह बचपन से कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। बता दें कि कांग्रेस ने बुलंदशहर की सदर सीट पर सुशील चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है। बता दें, सुशील चौधरी ने 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। 2020 में हुआ उप-चुनाव भी सुशील चौधरी ने लडा था, लेकिन 10 हजार 300 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे थे।