लावण्या झा / नई दिल्ली । चुनाव विश्लेषक व रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव में शिकस्त देने का फार्मूला बताया है। उनका कहना है कि विपक्ष यदि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना चाहता है तो उसे हिंदुत्व, अति राष्ट्रवाद और लोक कल्याण के उसके दुर्जेय मुद्दों में से कम से कम दो मामलों में आगे निकलना होगा।
‘वहां उप-क्षेत्रवाद के मुद्दे प्रबल होंगे… ‘
उन्होंने आगे कहा कि ‘अगर भाजपा विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन करती है तो इसके पीछे कारण ये ही होगा कि वहां राष्ट्रवाद के मुद्दे काम नहीं आएंगे , वहां उप-क्षेत्रवाद के मुद्दे प्रबल होंगे और ऐसे में वहां विपक्ष इस पर काम कर सकता है।’
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह विपक्ष को एकजुट करने में मदद करना चाहते हैं, ताकि 2024 के आम चुनाव में भाजपा को परास्त किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को हराना पूरी तरह संभव है, भले ही 2024 का सेमी फाइनल माने जा रहे पांच राज्यों के मौजूदा चुनावों के नतीजे विपक्ष के लिए अनुकूल न रहें।
हां, भाजपा को हराया जा सकता है..
न्यूज चैनल एनडीटीवी के साथ चर्चा में प्रशांत किशोर से पूछा गया था कि क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराया जा सकता है? अपनी शांत व शालीन शैली में उन्होंने जवाब दिया- हां, हराया जा सकता है, लेकिन विपक्ष के मौजूदा नेताओं व समीकरणों के रहते नहीं।
पांच राज्यों के नतीजों से 2024 का अनुमान न निकालें
चुनाव रणनीतिकार किशोर ने यह भी कहा कि मार्च में आने वाले पांच राज्यों के चुनावी नतीजों से 2024 के नतीजों के बारे में अनुमान न निकालें। यह पूरी तरह संभव है कि मौजूदा चुनाव में भाजपा सब कुछ जीत ले, फिर भी वह 2024 में हार जाए। 2012 में उत्तर प्रदेश में सपा जीती थी, उत्तराखंड व मणिपुर में कांग्रेस जीती और पंजाब में अकाली, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे बहुत अलग आए थे। 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर भाजपा ने केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।
प्रशांत किशोर ने विपक्ष से कहा कि यदि आप यूपी में भाजपा को हराना चाहते हैं तो सामाजिक आधार का विस्तार करना महत्वपूर्ण है। साझा विपक्ष का सामाजिक आधार बड़ा होना चाहिए। आज जो है, यह उससे कहीं अधिक बड़ा होना चाहिए। चाहे वह गैर-यादव ओबीसी हो या अजा-जजा या अगड़े वर्गों का सम्मिलत रूप हो।
2024 में भाजपा को हराने के लिए क्या करना पड़ेगा?
इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि आप बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र, तमिलनाडु व केरल को देखें जहां मोटे तौर पर 200 लोकसभा सीटें हैं, तो भाजपा अपनी लोकप्रियता की बुलंदी के दिनों में भी मात्र 50 सीटें जीत सकी, लेकिन देश के अन्य राज्यों की शेष 350 सीटों में से उसने अधिकांश जीत लीं। किशोर ने कहा कि यदि कांग्रेस या तृणमूल या अन्य दल एकजुट हों और अपने संसाधनों को नए सिरे से संजोए तो उक्त 200 सीटों में से 100 जीत सकते हैं और तब विपक्ष 250 से 260 सीटों तक पहुंच सकता है। इसलिए उत्तर पश्चिम भारत में 100 अतिरिक्त सीटें जीतकर भाजपा को हराना संभव है। प्रशांत किशोर ने कहा कि वह 2024 में कड़े मुकाबले के लिए विपक्षी मोर्चा बनाने में मदद करना चाहते हैं।
‘5 महीनों के अंदर बीजेपी को हराना नामुमकीन’
उन्होंने कहा कि ‘इसमें कोई शक नहीं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव साल 2024 के चुनावों का सेमीफाइनल है। हालांकि उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो भी पार्टी या नेता बीजेपी को हराना चाहता है, उसे कम से कम 5-10 साल की रणनीति तैयार करनी होगी और मात्र 5 महीनों के अंदर बीजेपी को हराना नामुमकीन है।’