जनजीवन ब्यूरो / देवघर : झारखंड के देवघर जिले में त्रिकुट पहाड़ी पर बने रोपवे में रविवार को बड़ा हादसा हुआ है। यहां रोपवे का तार टूट जाने से 48 लोग हवा में ट्रॉली के अंदर फंस गए। एक महिला की इस हादसे में मौत हो गई तो वहीं कई लोग घायल हैं। फंसे लोगों को निकालने के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। स्थानीय प्रशासन के साथ एनडीआरएफ और सेना की टीमें लोगों को निकालने में जुटी हैं।
हादसे और रेस्क्यू ऑपरेशन को करीब 21 घंटे हो गए हैं, इन 21 घंटे में 22 लोगों को बचाया गया है। अब तक दो लोगों की मौत हो गई। देवघर के डिप्टी कमिश्नर मंजूनाथ भजंत्री ने बताया है कि एयरफोर्स के 2 चॉपर, इंडियन आर्मी, एटीबीपी, एनडीआरएफ और इंडियन एयरफोर्स के स्पेशल कमांडो रेस्क्यू में लगे हुए हैं।
घटना के बारे में बताया जाता है कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकुट पहाड़ी पर 12 रोपवे ट्रॉली आपस में टकरा गईं। हादसे में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 48 अन्य ट्रॉलियों में फंस गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, हादसा रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे हुआ जिसमें 10 सैलानी गंभीर रूप से जख्मी हो गए और देर रात उनमें से दो की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पहुंचे।
हादसे के बाद बचाव कार्य में जुटा वायुसेना का हेलीकाप्टर
देवघर के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री ने कहा, “सभी पर्यटकों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने की तमाम कोशिशें की जा रही हैं। एनडीआरएफ की टीम भी रविवार रात से काम पर लगी हुई है और 11 लोगों को उसने निकाला है। बचाव अभियान में स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं। घटना में 10 लोग जख्मी हुए हैं जिनमें से एक की देर रात मौत हो गई।”
हादसे के कारण के बारे में पूछने पर डीसी ने कहा कि फिलहाल जिले का पूरा अमला फंसे हुए लोगों को निकालने में लगा हुआ है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद ही जांच की शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहली नज़र में लगता है कि तकनीकी खामी की वजह से हादसा हुआ। डीसी के मुताबिक, रोपवे का संचालन एक निजी कंपनी कर रही है। इसे चला रहे परिचालक दुर्घटना के कुछ देर बाद ही इलाके से भाग गये। झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, यह रोपवे बाबा बैद्यनाथ मंदिर से करीब 20 किलीमीटर दूर स्थित है और यह 766 मीटर लंबा है जबकि पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है।