जनजीवन ब्यूरो / जयपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वंशवाद और परिवारवाद के मुद्दे पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों पर करारा हमला किया और इस ‘‘परंपरा” को लोकतंत्र के लिए ‘‘सबसे घातक” करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं व कार्यकर्ताओं से इसके खिलाफ ‘‘अनवरत संघर्ष” करने का आह्वान किया।
भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की तीन दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर यह आरोप भी लगाया कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए वह तनाव की छोटी-मोटी घटनाओं को ढूंढ-ढूंढकर समाज में जहर बोने का काम कर रहे हैं और कभी जाति तो कभी क्षेत्रवाद के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कुछ पार्टियों का ‘‘इकोसिस्टम” पूरी शक्ति से देश के विकास से जुड़े मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने में लगा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे ऐसी पार्टियों के जाल में नहीं फंसें, जनता के समक्ष उनकी पोल खोलें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाजपा से जोड़ें। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से ही वंशवाद और परिवारवाद ने देश का भीषण नुकसान किया है और परिवारवादी पार्टियों ने भ्रष्टाचार, धांधली और भाई-भतीजावाद को आधार बनाकर देश का बहुत मूल्यवान समय बर्बाद किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज भी ये परिवारवादी पार्टियां देश को पीछे ले जाने पर तुली हुई हैं। मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री ने वंशवाद के मुद्दे पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर लगातार निशाना साधा है। भाजपा के स्थापना दिवस पर भी वह परिवारवादी पार्टियों पर जमकर बरसे थे। उन्होंने कहा कि इनका, ‘‘सार्वजनिक जीवन परिवार से शुरू होता है, परिवार के लिए चलता है, परिवार की खातिर ही आगे बढ़ता है।
मोदी ने परिवारवाद को ‘‘लोकतंत्र के लिए सबसे घातक परंपरा” करार देते हुए कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है और उसे सामर्थ्यवान व मूल्यनिष्ठ बनाना है तो भाजपा को वंशवाद व परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ अनवरत संघर्ष करना ही है। उन्होंने कहा, ‘‘इस अमृत काल में हमारा यह भी संकल्प होना चाहिए कि देश को लोकतांत्रिक मूल्यों से जरा भी कटने नहीं देंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और हम देश की जनता का विश्वास जीतेंगे ताकि वंशवादी व परिवारवादी शक्तियों को देश की जनता निकाल दे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा में लोकतांत्रिक मूल्यों की एक मजबूत परंपरा रही है और उसे निरंतर मजबूत करते ही रहना है। उन्होंने कहा, ‘‘यह भाजपा है, ठहरा हुआ पानी नहीं है। भाजपा निरंतर प्रवाहमान है।