जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कंझावला में 20 वर्षीय अंजलि की मौत मामले में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। तो वहीं, कड़ाके की ठंड के बीच अंजलि सिंह के परिजन बेटी को इंसाफ दिलान के लिए सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठे गए हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अंजलि के चाचा ने एफआईआर में धारा 302 जोड़ने की मांग की है।
बताया जाता है कि, मृतक अंजलि सिंह के चाचा और कुछ अन्य परिजन आज दिल्ली के सुल्तानपुरी थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान अंजलि के चाचा ने एसएचओ से कहा कि हमारी बात डीसीपी से करवाए। इस मामले में दर्ज एफआईआर में धारा 302 (हत्या) जोड़ना उनके हाथ में नहीं, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों के हाथों में है। परिजनों का कहना है कि अगर आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है, तो पुलिस और क्या देखना चाहती है?
क्या है Kanjhawala Case?
20 वर्षीय अंजलि सिंह अपनी सहेली निधि के साथ 1 जनवरी को नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर की रात) पार्टी कर स्कूटी से अपने घर जा रही थी। इसी दौरान एक बलेनो कार ने उन्हें टक्कर मार दी। निधि एक तरफ गिर गई, जबकि अंजलि का शरीर कार के नीचे फंस गया और वह कम से कम 14 किलोमीटर तक घसीटती रही। जिसके बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस को 1 जनवरी की सुबह लगभग 4.30 बजे के आसपास अंजलि का शव क्षत-विक्षत हालात में मिला। उसके शरीर पर एक भी कपड़े नहीं थे।