जनजीवन ब्यूरो / कटक (ओडिशा)। भारत को स्वतन्त्र कराने के लिए ओडिशा के वीर योद्धाओं ने भी अपने प्राणों का बलिदान किया था और जब भी स्वतंत्रता संग्राम को याद किया जाता है तो ओडिशा के वीर योद्धाओं के नामों का स्मरण भी किया जाता है। इन वीरों के पराक्रम के कारण ही अंग्रेज ओडिशा की धरती पर ज्यादा दिन टिक नहीं पाए थे। अपनी माटी, अपनी मां के लिए प्राणों की आहुति देने वाला प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी एक नायक है। ऐसे अनेक गुमनाम नायकों से हमारा इतिहास भरा पडा है। स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को नमन करते हुए ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं को भी श्रेय देना आवश्यक है क्योंकि अंग्रेजों को भगाने में देश की वीर महिलाओं की भी उल्लेखनीय भूमिका रही है I
प्रदेश के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल कटक स्थित जवाहर लाल नेहरु इंडोर स्टेडियम में आयोजित क्रांतितीर्थ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे I आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कटक में आयोजित क्रांतितीर्थ समारोह में उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के माध्यम से भारत ने अपने सामर्थ्य को पूरे विश्व के सामने प्रदर्शित किया है। पूरे विश्व में हम अपने पहचान स्थापित करने में सक्षम हुए हैं। भारत की यह सफलता उन बलिदानियों के बलिदान से संभव हुई है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण देने में संकोच नहीं किया I
जानकारी हो कि अंग्रेजों की गुलामी से भारत को मुक्त कराने के लिए हजारों ऐसे वीर क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की भेंट चढ़ा दी, जिनकी वीर गाथाओं को इतिहास के पृष्ठों में स्थान नहीं मिला I स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को आम जनता के सामने लाने के लिए क्रान्ति तीर्थ समारोह का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है I कटक में आयोजित क्रांतितीर्थ समारोह का आयोजन केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल एंड कल्चरल स्टडीज (आईएससीएस-कोलकाता) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया I I
शनिवार देर शाम कटक में आयोजित क्रांतितीर्थ समारोह में पद्मश्री से सम्मानित प्रो आदित्य प्रसाद दास ने स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला और पाइक विद्रोह से लेकर अंग्रेजों के विरुद्ध छेडे गये अन्य आन्दोलनों के बारे में लोगों को जानकारी दी I समारोह के सम्मानीय अतिथि एवं भारतीय फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने अपने उद्भोधन में वीर स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए बलिदानों का स्मरण किया। समारोह के संयोजक प्रीतिश कुमार साहू ने स्वागत भाषण दिया, जबकि सामाजिक व सांस्कृतिक प्रतिष्ठान के निदेशक अरिंदम मुखर्जी ने भी अपने विचार रखे और वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया I