जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । पाकिस्तान में रह रही भारत की गीता की तरह हिन्दुस्तान में रह रहे रमजान को भी वतन वापसी की उम्मीद जगी है। भोपाल की एक संस्था में मौजूद रमजान कराची का रहने वाला है और वह सौतेली मां की प्रताड़ना से तंग आकर घर से भागा था । उसकी इस गलती ने उसे भारत पहुंचा दिया । वीडियो से उसकी मां दोनों देशों की सरकारों से अपील कर रही है कि उसके बेटे को पाकिस्तान भेज दिया जाए। रमजान भी चाहता है कि जिस प्लेन से गीता हिन्दुस्तान आ रही है, उसी प्लेन से उसे पाकिस्तान भेज दिया जाए।
14 साल का रमजान कराची की मूसा कॉलोनी में मां रजिया बेगम और पिता मोहम्मद ताजउल मुल्क के साथ रहता था। रमजान के पिता मूलतः बांग्लादेशी थे, लेकिन कराची में बस गए थे। यहां उनकी शादी पाकिस्तानी मूल की रजिया से हुई, जिससे दो बच्चे रमजान और जौहरा हुई। बाद में रमजान के पिता का तलाक हो गया और वह रमजान को लेकर बांग्लादेश चला गया। वहां उसने दूसरी शादी कर ली। जब इस सौतेली मां को बेटी हुई तो उसने रमजान को परेशान करना शुरू कर दिया। उस पर चोरी का इल्जाम लगाया गया। तब वह अपनी असली मां को खोजने कराची जाने के लिए निकला और भटककर इंडिया में आ गया। वह बांग्लादेश से अगरतला, कोलकाता, रांची, दिल्ली होते हुए जब भोपाल आया तो जीआरपी ने उसे अक्टूबर 2013 में भोपाल स्टेशन पर पकड़ा। तब उसने अपना पता रांची का बताया था।
चाइल्ड लाइन में रहने के दौरान रमजान ने चौथी तक पढ़ाई की। फरवरी 2015 में जब उसका आधार कार्ड बन रहा था, तब पता चला कि वह पाकिस्तानी है। इसके बाद इंटेलिजेंस, सीआईडी, आईबी को सूचना दी गई। शुरू में लगा कि कहीं यह पाकिस्तान का जासूस तो नहीं, लेकिन बाद में यह संभावना खारिज हो गई। उसके बाद माता-पिता को खोजने की कोशिश शुरू हुई।
जब उसने भोपाल में चाइल्ड लाइन को बताया कि वह कराची के मूसा कॉलोनी का रहने वाला है तो सोशल मीडिया के जरिए उसके घर को तलाशने की मुहिम शुरू हुई। पाकिस्तान के कुछ सामाजिक संगठनों ने रमजान की उसकी मां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात भी करवाई। जब उसे वापस पाकिस्तान भेजने की पहल शुरू हुई तो पता चला कि इसमें भारी दिक्कत है। भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में उसके जन्म के कागज न होने से वीजा की अर्जी भारत के विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दी थी। अब यहां वो और उधर उसकी मां बेहद परेशान है। पाकिस्तान में मौजूद मां रजिया और बहन जोहरा से बात करके वह घंटों रोता है। उसके चेहरे पर हर समय उदासी छाई रहती है।
रमजान की मां ने दोनों मुल्कों से अपील की है कि उसके बेटे को उसके पास पहुंचाने में सरकारें मदद करें। अभी भी मामला दोनों मुल्कों के बीच लिखा-पढ़ी में उलझा है। रमजान चाहता है कि जिस प्लेन से गीता हिन्दुस्तान आ रही है, उसी प्लेन से उसे भी पाकिस्तान भेज दिया जाए।
उधर पाकिस्तान के ईदी फाउंडेशन में रह रही गीता की भारत वापसी को लेकर इस एनजीओ ने कुछ सवाल खड़े किए हैं। ईदी फाउंडेशन शंका जाहिर की है कि गीता कहीं भारत और पाकिस्तान के बीच पब्लिक रिलेशन डिप्लोमैसी का हिस्सा बनकर न रह जाए। क्या सवाल उठाए ईदी फाउंडेशन ने…
* गीता के परिवार की अब तक सही पहचान नहीं हो पाई है।
* यह इंडियन फॉरेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज की कोशिशों को नतीजा है कि गीता को भारत भेजा जा रहा है। लेकिन भारत सरकार को उसे अपने देश ले जाने से पहले उसके सही घर का पता लगाना चाहिए।
* गीता ने भारत सरकार और खासकर सुषमा स्वराज के दबाव में भारत लौटने का फैसला किया है।
* हम चाहते हैं कि गीता भारत लौटे लेकिन वह ऐसे घर में न जाए जो उसका हो ही नहीं।
* जिस फैमिली ने गीता को अपनी बेटी बताया है उसका डीएनए टेस्ट तो गीता के पाकिस्तान में रहने के दौरान भी किया जा सकता था।
* गीता ने बताया था कि उसके पिता लकड़ी के सहारे से चलते हैं जबकि मां की मौत हो चुकी है। लेकिन जो आदमी गीता को अपनी बेटी बता रहा है, क्या उसकी पहचान कर ली गई है?