अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में गिरते मत-प्रतिशत का ग्राफ आयोग पर शिकन ला दिया है। आयोग किसी भी तरह से बचे अन्य पांच फेज के मतदान में मत-प्रतिशत को बढ़ाने के लिए बृहत स्तर पर लगी हुई। इस बाबत आयोग ने राज्यों के चुनाव आयोग को विकल्प सोचने को कहा है। इसी कड़ी के तहत दिल्ली चुनाव आयोग ने अनूठा प्रणाली इजाद करते हुए स्कूली बच्चों के सहारे मत-प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में पहल कर दिया है। इस प्रकिया से दिल्ली चुनाव आयोग को भरोसा है कि दिल्ली चुनाव में 50 लाख मतदाताओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों से बात करते हुए सख्त एडवाईजरी पहले ही जारी किया हुआ है कि चुनावी प्रक्रिया में बच्चें को शामिल न किया जाए। मगर दिल्ली चुनाव आयोग बच्चों के सहारे ही अच्छे परिणाम को उम्मीद लगाए हुए है।
मुख्य निर्वाचन कार्यालय, दिल्ली ने “संकल्प पत्र“ नामक एक अभिनव पहल शुरू की है। चुनावी प्रक्रिया में अभिभावकों की भागीदारी को बढ़ावा देना। इस पहल के हिस्से के रूप में, स्कूल वितरित करेंगे। विद्यार्थियों के माध्यम से अभिभावकों को शपथ पत्र देकर उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 का ये प्रतिज्ञा पत्र माता-पिता से आग्रह करते हुए एक नैतिक प्रेरणा के रूप में काम करेंगे।अपना वोट डालने के लिए. हस्ताक्षरित प्रतिज्ञा पत्रों के समय पर वितरण एवं संग्रहण में सुविधा होगी। स्कूल प्राधिकारी व्यापक भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य मतदाताओं को प्रेरित करना है। जिसके तहत 50 लाख मतदाता के रूप में माता-पिता अपने बच्चों से एक वादे के रूप में वोट डालें। बताया गया है कि दिल्ली भर के 5,000 से अधिक स्कूलों में लगभग 25-28 लाख छात्र नामांकित हैं, संकल्प पत्र यह पहल चुनावी भागीदारी और लोकतांत्रिक चेतना पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है। इस बबात मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली, पी. कृष्णमूर्ति ने स्कूल के गहन महत्व को दोहराया है। छात्र राष्ट्र के भविष्य के पथप्रदर्शक हैं। के मूल्यों को प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया है। इस बाबत आयोंग ने दिल्ली के शिक्षा निदेशक से बैठक कर पहल भी कर दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों सहित सभी हितधारकों से आग्रह करता है। इन पहलों में सक्रिय रूप से भाग लें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखें।