जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : 2024 के लोकसभा चुनाव में अबतक तीन चरणों की वोटिंग हुई है। 2019 के मुकाबले कम मतदान चुनाव आयोग से लेकर चुनाव लड़ने वालों तक के लिए भी चिंता की वजह रही है। लेकिन, मतदान का प्रतिशत भले ही कम रहा है, लेकिन रिसर्च से पता चलता है कि अबतक पड़े कुल वोटों की संख्या 2019 से बढ़ गई है। 2019 के मुकाबले मतदान का प्रतिशित इस बार अबतक तीनों ही चरणों में कम रहा है। इसकी वजह चुनाव वाले राज्यों में अत्यधिक गर्मी, पार्टी कार्यकर्ताओं की उदासीनता और मतदाताओं को उत्साहित करने में नेताओं की नाकामी मानी जा रही है। पहले दो चरणों में ही पड़े करीब 9 लाख ज्यादा वोट लेकिन, एसबीआई की एक रिसर्च के विश्लेषण के मुताबिक मतदान का प्रतिशत भले ही पिछली बार से कम रह रहा है, लेकिन अगर हम कुल पड़े वोटों (absolute terms) की संख्या के आधार पर देखें तो 2019 के मुकाबले पहले दोनों चरणों (19 अप्रैल और 26 अप्रैल) में ही करीब 9 लाख (8.7 लाख) ज्यादा वोट पड़ चुके हैं।
विश्लेषण से यह भी जानकारी निकल रही है कि जो संकेत मौजूद हैं, उससे पता चलता है कि बाकी बचे चरणों में मतदान का प्रतिशत भी बढ़ सकता है। जबकि, इन चरणों में मतदान का प्रतिशत पिछली बार से लगभग 3.1% कम रहा है। पहले दो चरणों में हुए मतदान के आधार पर ही यह रिसर्च है, जिसमें देश के करीब 35% मतदाता आते हैं। इस रिसर्च के अनुसार अबतक इन दोनों चरणों में जिन्होंने वोट डाला है, उनकी संख्या पिछली बार से 0.4% बढ़ी है। पहले दो चरणों में कसी रही वोटिंग? इस रिसर्च के अनुसार 2019 में पहले चरण (69.4%) और दूसरे चरण (69.3%)में कुल 2,061.4 लाख वोट पड़े थे। लेकिन, 2019 में पहला चरण (66.1%) और दूसरा चरण (66.7%) मिलाकर 2,070.1 लाख वोट पड़े हैं। किन लोगों ने डाले इतने एक्स्ट्रा वोट? अब दिलचस्प यह जानना है कि पहले दोनों चरणों में करीब 9 लाख एक्स्ट्रा वोट डालने वाले मतदाताओं में किनकी भागीदारी ज्यादा है। इसके अनुसार पिछली बार से जो 8.7 लाख अतिरिक्त वोट पड़े हैं, उनमें से 65% (5.7 लाख) महिलाएं हैं। सुरक्षित सीटों पर भी वोट ज्यादा बढ़े एक और दिलचस्प आंकड़ा है। इन दोनों चरणों में देश की 42 अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एससी) के लिए सुरक्षित लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव हुए हैं। इस रिसर्च के मुताबिक इन सीटों पर पिछली बार से 70% एक्स्ट्रा वोट पड़े हैं। इन 10 सीटों पर पड़े ज्यादा वोट इस रिपोर्ट के अनुसार अगर 2019 की तुलना में एक्स्ट्रा वोट वाले 10 शीर्ष लोकसभा क्षेत्रों को देखें तो इनर मणिपुर (4.4 लाख), जोरहाट (3.2 लाख), डिब्रूगढ़ (2.5 लाख), बैंगलोर रूरल (2.4 लाख), उधमपुर (1.9 लाख), तुरा (1.9 लाख), बाड़मेर (1.8 लाख), शिलॉन्ग (1.6 लाख), बैंगलोर नॉर्थ (1.5 लाख), मैसूर (1.4 लाख) शामिल हैं। 7 मई को तीसरे चरण का मतदान हो चुका है। इसके साथ ही देश में आधी से ज्यादा सीटों पर वोटिंग पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां सात चरणों में मतदान प्रतिशत का ट्रेंड हर चरण में गिरने का था, वहीं इस बार अबतक के ट्रेंड से उम्मीद जताई गई है कि यह वोटिंग पर्सेंटज हर चरण में बढ़ सकता है।