जनजीवन ब्यूरो
वाराणसी। प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में संतों और पुलिस के बीच हुए मुठभेड़ के बाद कुछ इलाकों में लगा कर्फ्यू हटा लिया गया है। फिलहाल स्थिति काबू में है।बताया जाता है कि कर्फ्यू लगने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्थानीय प्रशासन को संयम बरतने के साथ ही हालात जल्द ही सामान्य करने के लिए कहा है।
गंगा में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ संतों की सोमवार को निकाली गई प्रतिकार यात्रा के दौरान पुलिस और साधुओं के बीच भारी पथराव हुआ। गुस्साई भीड़ ने पुलिस की जीप को आग के हवाले कर दिया, इसके बाद भी भीड़ का गुस्सा शांत नहीं हुआ भीड़ ने पुलिस चौकी समेत कई गाड़ियों में आग लगा दी। हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और रबर के गोले भी छोड़े। आपको बता दें कि लहुराबीर से लेकर मैदागिन और गौदोलिया से लेकर चेतगंज तक दूकाने बंद हो चुकी हैं।
करीब आधे घंटे तक शहर के मुख्य गौदोलिया चौराहे पर हालात युद्ध जैसे लग रहे थे। पुलिस और पब्लिक की भिंड़त में आधा दर्जन पुलिस वाले समेत कई स्थानीय नागरिक भी घायल हुए हैं।
बवाल के बाद शहर के चार थाना क्षेत्रों कोतवाली, चौक, लक्सा और दशाश्वमेधघाट थाना क्षेत्र में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। मण्डलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया है। उनका कहना था कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गोकर्ण ने बताया कि यात्रा के दौरान उपद्रवियों के पथराव में पुलिस और पीएसी के जवान भी घायल हुए हैं। एक पत्रकार को भी चोट लगने की सूचना है। उपद्रव के कारण गंगाघाट पर पूजा करने गयीं कुछ महिलाएं वहीं फंस गई हैं। उन्हें सकुशल उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कर्फ्यूग्रस्त थाना क्षेत्रों में लोगों से अपने घरो में रहने की अपील की गई है। इससे पहले करीब तीन बजे गोदौलिया चौराहे से यात्रा के निकलते ही नारेबाजी शुरु हो गई थी। यात्रा में काफी संख्या में साधु संत एवं उनके समर्थक शामिल थे। यात्रा कुछ दूर ही चली थी कि उपद्रवियों ने पथराव शुरु कर दिया। पुलिस की एक जीप समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई।
आत्मसुरक्षा में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। आंसूगैस के गोले छोडऩे पड़। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, हालांकि उनकी अभी निश्चित संख्या पता नहीं है। गलियों का शहर होने के नाते उपद्रवियों को नियंत्रित करने में पुलिस को थोडी कठिनाई हो रही है,क्योंकि पथराव कर शरारती तत्व गलियों में भाग जा रहे हैं।
यात्रा की सुरक्षा में स्थानीय पुलिस के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था। यात्रा की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही थी। उन्होंने बताया कि कर्फ्र्यूूग्रस्त इलाके में तलाशी अभियान भी शुरु किया जा रहा है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के रोक के बावजूद गंगा नदी में गणेश प्रतिमा के विसर्जन पर धरने पर बैठे लोगों को गत 22-23 सितम्बर की रात पुलिस ने गोदौलिया चौराहे से बलपूर्वक हटा दिया था। पुलिस को लाठीचार्ज करना पडा था जिसमें कुछ लोगों को चोटें भी आई थीं।
इस बीच, सत्तारुढ समाजवादी पार्टी ने कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से गंगा नदी में प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगी हुई है। प्रशासन ने न्यायालय के आदेश से प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाई थी, हालांकि प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन की वैकल्पिक व्यवस्था कर दी थी। इसके बावजूद लोग गंगा में जबरन विसर्जन के लिए आमादा थे। प्रशासन को न्यायालय के आदेश का पालन कराना ही था।
सपा प्रवक्ता और राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने लोगों से शांति बनाए रखने की और प्रशासन से संयम बरतने की अपील की। चौधरी ने कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन करना शासन-प्रशासन का कर्तव्य है।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने साधु-संतों पर लाठीचार्ज की निन्दा की और कहा कि एक तरफ तो संतों को पीटा गया और अब कर्फ्यू लगाकर जनता को त्रस्त किया जा रहा है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सपा सरकार शुरु से ही दमनात्मक रवैया अपनाए हुए है। कर्फ्यू भी उसी का परिणाम है।
राष्ट्रीय लोकदल(रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि सपा के शासन में कानून-व्यवस्था के हालात बदतर हो गए हैं। जंगलराज जैसी स्थिति पैदा हो गई है। दादरी का मामला थमा नहीं था कि वाराणसी में भी बवाल हो गया। उन्होंने कहा कि सपा और भाजपा साजिशन सूबे में तनाव फैला रही है। दोनों ही राजनीतिक लाभ लेने की फिराक में हैं।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि सूबे में हालात बदतर होते जा रहे हैं। दादरी का मामला थमा नहीं कि वाराणसी में तनाव हो गया। अग्रवाल का कहना था कि साम्प्रदायिक तनाव फैलाकर सपा और भाजपा राजनीतिक गोटियां सेंकने में लगी हुई हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने वाराणसी में प्रतिकार यात्रा पर पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निलम्बन की मांग की। बाजपेयी ने वाराणसी में हालात के बेकाबू होने और कर्फ्यू के लिये राज्य सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान संतो के ऊपर अमानवीय ढंग के किए गये लाठी चार्ज के पश्चात ही वाराणसी में आमजन में अखिलेश सरकार के प्रति आक्रोश था। भाजपा ने वहां के डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी समेत दोषी अधिकारियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी, किन्तु सरकार अपनी नीतिगत अपंगता के कारण हाथ पर हाथ धरे बैठी रही, जिसका परिणाम आज वाराणसी की जनता कर्फ्यू के रुप में झेल रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार की भेदभाव पूर्ण नीतियां और सम्प्रदाय व मजहब के आधार पर कथित रुप से वोट बैंक की राजनीति करने के कारण पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। सपा सरकार राज्य में कानून व्यवस्था कायम रख पाने में विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से वाराणसी के हालात खराब हो गए। अगर सरकार पहले ही संतों के ऊपर लाठी चार्ज की घटना को गम्भीरता से लेते हुए दोषी पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करती तो शायद ये नौबत नहीं आती। उन्होंनें पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के सिभटग जज से जांच कराने की भी मांग की।