जनजीवन ब्यूरो
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में गंभीर अपराधों में लिप्त उम्मीदवारों की लिस्ट तो यही बताती है कि हमाम में सब नंगे हैं.एसोसिएशन फॉर रिफार्म्स यानी एडीआर ने भारत सरकार के चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध उम्मीदवारों के हलफनामें के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार चुनाव के पहले चरण में गंभीर आपराधिक आरोपों वाले 130 उम्मीदवार मैदान में हैं. ज्ञात हो कि प्रथम चरण में 12 अक्टूबर को 49 सीटों के लिए वोट डाले जाने हैं. 49 सीटों के लिए 583 उम्मीदवार मैदान में हैं. यानी पहले चरण में लगभग 22 से 23 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं.
उसका कहना है कि इस चरण में 170 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं और उनमें से 130 उम्मीदवारों को गंभीर गैर जमानती अपराधों के सिलसिले में आरोपित किया गया है. यह उम्मीदवार 37 निर्वाचन क्षेत्रों से खड़े हैं.रिपोर्ट के मुताबिक इस चरण के चुनाव में कुल 16 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या से जुड़े मामले हैं. इनमें वारसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के जदयू उम्मीदवार प्रदीप कुमार भी शामिल हैं. उनके हलफनामें के अनुसार उनके खिलाफ हत्या के चार मामले हैं. इस सूची में सात निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं जिनके खिलाफ हत्या के मामले हैं. रिपोर्ट के अनुसार कुल 37 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले हैं.
वहीं हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार रामस्वरूप यादव के खिलाफ ऐसे पांच मामले हैं. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा,बसपा और जन अधिकार मोर्चा लोकतांत्रिक के एक-एक उम्मीदवारों ने हलफनामें में हत्या के प्रयास के मामले होने की बात स्वीकार की है वहीं जदयू के तीन उम्मीदवारों ने अपने हलफनामें में हत्या के प्रयास के मामले होने की बात स्वीकार की है. एडीआर ने उन 37 विधानसभा क्षेत्रों को रेड अलर्ट जोन घोषित किया है जहां तीन या तीन से ज्यादा उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं.रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में 25 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं. सबसे ज्यादा 19 करोड़पति उम्मीदवार जदयू के हैं जबकि भाजपा में ऐसे 18 उम्मीदवार हैं वहीं राजद में 11 हैं.