जनजीवन ब्यूरो
विशाखापट्टनम/विजयवाड़ा । नोट फॅार वोट मामले में सीमांध्र और तेलंगाना के मुख्यमंत्री आमने-सामने आ गए हैं और ये राजनीतिक लड़ाई अब कानूनी शक्ल अख्तियार कर चुकी है।
कैश फॉर वोट मामले में गिरफ्तार टीडीपी विधायक रेवांत रेड्डी को पार्टी अध्यक्ष और सीमांध्र के मुख्मंत्रीय चंद्रबाबू नायडू का पूरा समर्थन हासिल होने का सबूत सामने आया है। जबकि टीडीपी का कहना है कि इस टेप में आवाज चंद्रबाबू नायडू के नहीं हैं। इस मामले को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के खिलाफ अलग-अलग जगहों पर दो एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। उन पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होने चंद्रबाबू नायडू को बदनाम करने के लिए ऑडियो टेप रिलीज करवाया है।
दूसरी तरफ विशाखापतट्टनम के एक वकील एनवीवी प्रसाद ने रविवार की रात शहर के पुलिस स्टेशन में चंद्रशेखर राव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि उन्होंने चंद्रबाबू नायडू के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करने के साथ ही उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की है। प्रसाद ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर राव टीडीपी नेताओं की जासूसी की कोशिश कर रहे हैं। विजयवाड़ा में टीडीपी के नेताओं ने भी अलग-अलग स्टेशनों में चंद्रशेखर राव के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं। इन शिकायतों में कहा गया है कि ऑडियो टेप नकली है और इसे चंद्रबाबू नायडू की छवि को खराब करने के लिए जारी किया गया है। ये सभी केस आईपीसी की 166, 167, 170, 474 और अन्य धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने टीडीपी विधायक रेवांत रेड्डी को तेलंगाना विधान परिषद के लिए चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कराने के लिए एक मनोनीत विधायक को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। इस मामले में ऐंटी करप्शन ब्यूरो ने 50 लाख रुपये भी जब्त किए थे। रविवार को जारी किए गए टेप में टीडीपी विधायक रेवांत रेड्डी बार-बार अपने ‘बॉस’ का नाम ले रहे हैं और वह इसमें नायडू का नाम लेते हए भी सुने जा सकते हैं। रेड्डी नायडू को ‘बाबू गरू’ नाम लेकर बुला रहे हैं और कह रहे हैं उन्हें सीधे सीएम द्वारा अधिकृत किया गया है।
खबरों के मुताबिक तेलंगाना के गृह मंत्री ने दावा किया कि उनके पास यह साबित करने के लिए फोन रिकॉर्डिंग्स हैं कि इसमें नायडू शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि नायडू ने तेलंगाना राष्ट्र समिति के कुछ और विधायकों से भी बात की थी। गृह मंत्री और अन्य मंत्रियों ने मांग की है कि कैश फॉर वोट स्कैम के इस मामले में चंद्रबाबू नायडू को आरोपी नंबर एक बनाया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया है कि अगर वोट के लिए नोट मामले में सामने आया ये टेप सही है तो चंद्रबाबू नायडू को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।