जनजीवन ब्यूरो / मुंबई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैग्नेटिक महाराष्ट्र वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘पुरानी सरकारों का स्वभाव लटकाना, अटकना और भटकना था. करीब-करीब 10 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स ऐसे ही लटके, अटके, भटके हुए थे. उनको हमने कार्यान्वित किया, धन का प्रबंध किया और आज तेज गति से वो काम आगे चल रहे हैं. उसी में से एक नवी मुंबई एयरपोर्ट का काम है.’
मोदी ने कहा ये आयोजन कॉपरेटिव कम्पटीटिव फेडरेलिज्म का बेहतरीन उदाहरण है. पीएम मोदी ने महाराष्ट्र इंस्वेस्टर्स समिट में किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए 4P का मंत्र पर जोर दिया. मोदी की मानें तो वो क्षमता, नीति, योजना और प्रदर्शन पर विश्वास रखते हैं.
मोदी ने कहा कि नियमों और प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा रहा है, जहां कानून बदलने की आवश्यकता है, वहां कानून बदले जा रहे हैं, जहां कानून समाप्त करने की आवश्यकता है, वहां कानून समाप्त किए जा रहे हैं.
इससे पहले पीएम मोदी ने नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखी. इस दौरान उन्होंने कहा कि कई सरकारें आई होंगी, लेकिन एयरपोर्ट नहीं बन सका. उन्होंने कहा कि इसके पीछे सरकार के काम करने के तौर तरीके सबसे बड़ी बात है.
20 फरवरी तक चलने वाले मैग्नेटिक महाराष्ट्र कन्वर्जेंस 2018 के माध्यम से 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है. इस सम्मेलन के दौरान 4,500 करार किए जाने की संभावना है. कहा जा रहा है इस करार से राज्य में तकरीबन 35 लाख नए रोजगार पैदा होंगे.
अभी तक महाराष्ट्र सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ निवेश आकर्षित करने पर रहा है, लेकिन इस बार राज्य सरकार इस तरह के निवेश पर जोर देगी जिससे अधिक से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन किया जा सके.
बताते चलें कि 16700 करोड़ रुपये की लागत से नवी मुंबई एयरपोर्ट तैयार होगा. 21 साल से इस एयरपोर्ट का सपना देखा जा रहा था. मुंबई की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए 1997 में 3000 करोड़ रुपये से एक अन्य हवाई अड्डे की योजना बनी थी, लेकिन राजनीतिक अनिर्णय की स्थिति, पर्यावरण अनापत्तियों और फंडिंग के मुद्दों समेत कई कारणों से इस परियोजना में देरी हुई.
इस हवाई अड्डे के लिए जरूरी 2,268 हेक्टेयर जमीन अब तक पूरी अधिग्रहीत नहीं हुई है. इसके बन जाने से मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दबाव काफी कम हो जाएगा.