जनजीवन ब्यूरो
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डीएनए टिप्पणी से आहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘शब्दवापसी’ का महाअभियान चलाने का निर्णय लिया है जिसके जरिए बिहार के पचास लाख लोग हस्ताक्षर अभियान से जुड़ेंगे और डीएनए टेस्ट्स के लिए अपना सैंपल प्रधानमंत्री को भेजेंगे।
नीतिश कुमार ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा, डीएनए पर मोदीजी का वक्तव्य बिहार और बिहार के लोगों का अपमान हैं। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरी है, अब इस विषय का फैसला जनता की अदालत में होगा। उन्होंने कहा कि शब्दवापसी के इस महाअभियान में कम से कम 50 लाख बिहार के लोग हस्ताक्षर अभियान से जुड़ेंगे और डीएनए टेस्ट्स के लिए अपना सैंपल भी मोदीजी को भेजेंगे।
इस महीने के 29 तारीख को पटना के गाँधी मैदान में ‘स्वाभिमान रैली’ के साथ इस अभियान के पहले चरण को पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सितम्बर माह में अभियान के दूसरे चरण में शब्दवापसी के लिए हस्ताक्षर और डीएनए सैंपल भेजने के इस अभियान को हम बिहार के कोने कोने में हर घर तक ले जाएंगे और साथ ही राज्य के चार से पांच क्षेत्रों में स्वाभिमान रैलियां भी आयोजित करेंगे.. ।
उन्होंने कहा कि डीएनए के अपने वक्तव्य को वापिस न लेने की मोदीजी की हठधर्मिता और फिर रविवार को गया रैली में बिहार को बीमारू और लोगों को दुर्भाग्यशाली बताना क्षोभनीय है।
उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार और राज्य की जनता को अपमानित करने वालों को यहां के लोग माकूल जवाब देगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर में परिवर्तन रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल उठाया था।
उन्होंने कहा कि नीतीश ने भोज देकर जब थाली छीन ली तो मैं चुप रहा, लेकिन एक महादलित जीतन राम मांझी को अपमानित किया और उसकी कुर्सी छीन ली तो हमसे बर्दाश्त नहीं हुआ। ऐसा लगता है, उनके डीएनए ही गड़बड़ है। लोकतंत्र का ऐसा डीएनए नहीं हो सकता।