जनजीवन ब्यूरो / मुंबई । महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। छत्रपति संभाजी नगर में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पिछले आठ-10 दिनों से मैं पूरे महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहा हूं। दो दिन पहले सोलापुर के सांगोला इलाके में कम से कम 1000 लोगों ने अलग-अलग जगहों पर मेरी कार रोकी। पुणे, सतारा और अन्य स्थानों पर पार्टी के कई कार्यकर्ता मुझसे मिलने आए। मैं कल बीड का दौरा करूंगा।
उन्होंने कहा, ‘इंडिया’ की अगली बैटक मुंबई में होगी। भाजपा और उनके साथी विपरीत काम कर रहे हैं। भाजपा से लड़ने के लिए सफल रणनीति बनाएंगे। पवार ने यह भी कहा कि विभाजन दिवस मनाने का फैसला गलत था। भाजपा लोगों में दरार पैदा करना चाहती है और लोगों को धर्म, समुदाय के आधार पर बांट रही है।
राकांपा प्रमुख ने आगे कहा, भाजपा सरकारों को अस्थिर कर रही है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में सरकारों को अस्थिर किया गया गया। मणिपुर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा, मणिपुर संवेदनशील राज्य है और वहा अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वहां की महिलाओं पर अत्याचार भयावह है। प्रधानमंत्री को मणिपुर पर और बोलना चाहिए था।
शरद पवार ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि राकांपा प्रमुख या उनकी बेटी सुप्रिया सुले में से किसी एक को भाजपा से कैबिनेट मंत्री पद का प्रस्ताव मिला है। उन्होंने कहा कि अजित के साथ बैठक में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई पेशकश नहीं की गई है। चव्हाण ने दावा किया था कि भाजपा के ऑपर के लिए जित और शरद के बीच गुप्त बैठक हुई थी।
राकंपा के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा, बागी गुट को मेरी फोटो न लगाने के लिए कहा था। लेकिन उन्होंने मेरी बात को नहीं माना है। अब हम इसके खिलाफ अदालत जाएंगे।
महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के साथ हुई सीक्रेट बैठक को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कुछ शुभचिंतक मुझे मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं भाजपा के साथ कभी नहीं जाऊंगा। अजित पवार के साथ मेरी मुलाकात गुप्त नहीं है। वह मेरे भतीजे हैं और मैं परिवार का सबसे वरिष्ठ सदस्य हूं।
हालांकि अब शरद पवार की बेटी और शरद खेमे वाली एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने इन दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह का कोई ऑफर नहीं मिला है। वहीं, इस घटनाक्रम को लेकर शरद पवार आज प्रेस कांफ्रेंस भी करने वाले हैं। लेकिन उससे पहले हम इस पूरे घटनाक्रम के बारे में आपको बताएंगे कि चाचा-भतीजे के बीच हुई गुप्त मीटिंग में क्या हुआ।
इस सियासी खेल की शुरुआत बीते शनिवार यानी 12 अगस्त से हुई। उस दिन करीब एक बजे पुणे के कोरेगांव पार्क क्षेत्र में शरद पवार को दोपहर एक बजे के आसपास कोरेगांव पार्क क्षेत्र में व्यवसायी अतुल चोरडिया के आवास पर पहुंचे थे। वे शाम पांच बजे के आसपास वहां से निकले थे। वहीं, उपमुख्यमंत्री अजित पवार को कथित तौर पर शाम 6:45 बजे एक कार में परिसर से बाहर निकलते देखा गया था। ये दावे कई मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस गुप्त बैठक के दौरान एनसीपी नेता जयंत पाटिल भी वहां मौजूद थे।
अजित ने इस बैठक को लेकर क्या कहा?
चाचा-भतीजे के बीच हुई इस बैठक के बाद महाराष्ट्र में बयानों का दौर शुरू हो गया है। वहीं, 15 अगस्त को जब इस गुप्त बैठक के बारे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि चाचा शरद पवार के साथ मुलाकात के दौरान कुछ खास नहीं हुआ। ऐसे में बैठक के बारे में ज्यादा कयास लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पवार साहब पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ।
जब उनसे पूछा गया कि आप कार में छिपकर परिसर से बाहर क्यों निकले? तो अजित ने कहा कि वह कार में नहीं थे। मैं चोरी-छिपे नहीं गया था। मैं ऐसा व्यक्ति हूं, जो खुलेआम घूमता है। मेरे छिपने का कोई कारण नहीं था।
उन्होंने कहा कि हममें से कुछ लोगों ने एक अलग रुख अपनाया है। हमारे कुछ शुभचिंतक यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हमारे रुख में कोई बदलाव हो सकता है। यही कारण है कि वे सौहार्दपूर्ण चर्चा करने की कोशिश कर रहे हैं। अजित से मुलाकात के बारे में पवार ने कहा कि मैं आपको एक तथ्य बताना चाहता हूं कि वह मेरे भतीजे हैं। भतीजे से मिलने में क्या गलत है? यदि परिवार का कोई वरिष्ठ व्यक्ति परिवार के किसी अन्य सदस्य से मिलना चाहता है, तो इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
भाजपा ने दिया शरद पवार को ऑफर?
चाचा शरद और भतीजे अजित की गुप्त मुलाकात को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा से शरद पवार या सुप्रिया सुले में से किसी एक को कैबिनेट मंत्री पद का ऑफर मिला है। चव्हाण का दावा है कि इसी ऑफर के लिए अजित और शरद के बीच गुप्त बैठक हुई थी।
गुप्त बैठकों से चिंता में कांग्रेस
वहीं, इन बैठकों के संबंध में जब महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उनकी पार्टी के लिए चिंता का विषय है। एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है। पुणे में शरद पवार से अजित पवार की मुलाकात के बारे में पटोले ने कहा कि यह हमारे लिए चिंता का विषय है। हमें ऐसी गुप्त बैठकें स्वीकार नहीं हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हम इस मसले पर शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे। ‘इंडिया’ गठबंधन भी इस पर चर्चा करेगा, इसलिए उनके लिए इस मुद्दे पर बात करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हर उस व्यक्ति से हाथ मिलाने का फैसला किया है, जो भाजपा से लड़ने को तैयार है। साथ ही उन्होंने इन अटकलों को भी खारिज किया कि कांग्रेस शरद पवार को साथ लिए बिना लोकसभा चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है।
अजित इतने बड़े नेता नहीं है कि शरद पवार को ऑफर दे सकें – संजय राउत
वहीं, राज्य में चल रहे इन कयासों को लेकर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अजित पवार को शरद पवार साहब ने बनाया है। न कि भतीजे ने अपने चाचा को बनाया। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से भी ज्यादा समय पवार साहब ने संसदीय राजनीति में बिताए हैं। साथ ही चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जो कद है वह बहुत बड़ा है। राउत ने आगे कहा कि अजित पवार का इतना बड़ा कद नहीं है कि वह शरद पवार को कोई ऑफर दे सकें।
सुप्रिया सुले ने दावों को किया खारिज
अब इन दावों पर शरद पवार की बेटी और शरद खेमे वाली एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता है कि पिता जी और अजित दादा के बीच क्या वार्ता हुई है। लोकतंत्र में मतभेद होते रहते हैं और यह होना चाहिए। वहीं, कि पारिवारिक रिश्ते अलग होते हैं और राजनीतिक विचार अलग होते हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से ऑफर मिलने वाले दावे पर भी जवाब दिया। सुप्रिया ने कहा कि मुझे किसी तरह का कोई ऑफर नहीं दिया गया है। गुप्त मीटिंग के बाद राज्य में चल रही अटकलों को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह लोकतंत्र की बात है। जिसको जो बोलना है वह बोल सकता है।