जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के ‘सियासी ड्रामे’ ने पूरे देश का ध्यान खींचा.यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी ने जहां विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को झटका दिया. वहीं, हिमाचल प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस के किले में सेंध लगा दी.
कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी ने हिमाचल प्रदेश में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीत की बधाई दी. वहीं बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के पास अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है.”
हिमाचल प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है। राज्यसभा चुनाव के बाद प्रदेश की सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। देवभूमि में राज्यसभा की एक सीट गंवाने के बाद प्रदेश सरकार संकट में आ गई है। दरअसल, राज्यसभा चुनाव के दौरान मंगलवार को जमकर क्रॉस वोटिंग हुई है। 40 विधायक होने के बावजूद कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को 34 वोट मिले, जबकि 25 सीटों वाली बीजेपी भी 34 वोट ले गई।
बीजेपी नेता और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के पास बहुमत नहीं है और बीजेपी जल्द ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस ने मतदान प्रक्रिया को प्रभावित किया है। बता दें कि देश में इससे पहले भी कई बार सराकर गिर चुकी हैं। आपको बताते हैं कि 2014 के बाद कहां-कहां सत्ता पलट हुआ है।
बिहार में गिरी सरकार
बिहार की सत्ता में कई बार निजाम बदलता रहा है। नीतीश कुमार ने साल 2015 में पहली बार लालू यादव की पार्टी राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन कर सरकार बनाई थी। हालांकि, करीब दो साल में ही नीतीश कुमार का महागठबंधन के साथ मोहभंग हो गया और उन्होंने एनडीए के साथ सरकार बना ली। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू और एनडीए की सरकार सत्ता में आई, लेकिन नीतीश ने एक बार फिर 2022 में राजग का दामन थाम लिया और महागठबंधन के साथ सरकार बना ली। दो साल बाद नीतीश फिर एनडीए में आ गए और महागठबंधन की सरकार गिर गई।
महाराष्ट्र में गई उद्धव ठाकरे की कुर्सी
महाराष्ट्र में भी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। साल 2022 में महाराष्ट्र की 6 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने तीन सीटें जीत ली थी। चुनाव के नतीजों से महाविकास आघाड़ी गठबंधन में शामिल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा था। राज्यसभा चुनाव के कुछ दिन बाद ठाकरे सरकार में बगावत हो गई थी। एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने बगावत कर उद्धव सरकार गिरा दी। कुछ दिन बाद शिंदे गुट और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई।
एमपी की कमलनाथ सरकार
साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। सिंधिया के साथ कई विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। सिंधिया के पाला बदलने के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में गई। कांग्रेस की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान फिर मुख्यमंत्री बने।
कर्नाटक में सत्ता पलट
2018 के चुनाव में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद सरकार नहीं बना सकी थी। कांग्रेस ने तीसरे नंबर की पार्टी जदएस के साथ मिलकर सरकार का गठन किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा को सीएम बनाया गया, लेकिन वे फ्लोर टेस्ट में हार मिलने के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस ने बड़ी चाल चलते हुए जदएस को सीएम का पद दिया और फिर सरकार बनाई। हालांकि, कुछ ही महीनों बाद यहां भी खेला हो गया। गठबंधन के 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। सरकार अल्पमत में आ गई। विश्वास मत हासिल ना कर पाने के कारण कांग्रेस-जदएस सरकार गिर गई और बीजेपी ने सरकार का गठन किया।