जनजीवन ब्यूरो/ नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी से निलंबित कपिल मिश्रा ने जहां आरोप लगाया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन डील को अंतिम रूप दिया गया. वहीं पूर्व मंत्री आसिम अहमद खान ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने उनसे 5 करोड़ रुपये मांगे थे. लेकिन जिस सुरेंद्र कुमार बंसल का नाम कपिल मिश्रा ने लिया, उनका आज ही दिल का दौरा पड़ने से मेदांता अस्पताल में निधन हुआ. बंसल के अंतिम संस्कार में केजरीवाल भी शामिल हुए थे. बंसल अपने परिवार के साथ दिल्ली के प्रीतमपुरा में रहते थे, जहां उनका अंतिम संस्कार भी किया गया.
दरअसल जैसे ही कपिल मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भ्रष्टाचार के मामले में केजरीवाल के साढ़ू का नाम लिया, सभी हैरान रह गए. लेकिन इस बीच खबर आई कि केजरीवाल के जिस साढ़ू का नाम कपिल मिश्रा इस मामले में घसीट रहे हैं, उनका निधन आज ही मेदांता अस्पताल में हुआ. इस निधन से दुखी केजरीवाल के परिवार को कपिल के आरोपों ने और आहत कर दिया. खुद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने ट्वीट कर आरोप को बेबुनियाद बताया. उन्होंने लिखा, ‘यह स्टुपिड आदमी मेरे ब्रदर-इन-ला पर आरोप लगा रहा है, जिनका निधन हो गया.’
कपिल मिश्रा के आरोपों से जूझ रहे अरविंद केजरीवाल की मुश्किल और बढ़ गई है. असीम खान के मुताबिक केजरीवाल ने ये पैसे पंजाब में केबल नेटवर्क खरीदने के लिए मांगे थे. उनकी मानें तो इतने पैसे ना जुटाने पाने के बाद दिलीप पांडेय ने उनके साथ पार्टी की बैठक में हाथापाई की. मसला पार्टी के कुछ नेताओं के बीच-बचाव के बाद ही सुलझ पाया था. आसिम खान के मुताबिक आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब के केबल नेटवर्क पर कब्जा करना चाहती थी ताकि कोई उसके खिलाफ खबर ना चला पाए. लेकिन जब वो केजरीवाल की ये मांग पूरी नहीं कर सके तो उन्हें झूठे आरोप लगाकर हटा दिया गया. आसिम खान का दावा है कि आम आदमी पार्टी के भीतर सरकार बनने के 15 दिन बाद से ही लेन-देन का खेल चल रहा है और उनके पास आरोप साबित करने के लिए पुख्ता सबूत मौजूद हैं.
आसिम अहमद खान का दावा है उन्हें केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों में फंसाकर मंत्री पद से हटाया. खबरों के मुताबिक खान का कहना है कि उनके पास ऐसा स्टिंग है जिसमें अमानतुल्ला समेत चार और विधायक बता रहे हैं कि केजरीवाल ने 11 लाख रुपये देकर उनके खिलाफ झूठा स्टिंग ऑपरेशन करवाया था.
पेशे से बिल्डर आसिम अहमद खान आम आदमी पार्टी के टिकट पर पुरानी दिल्ली की मटिया महल सीट से विधायक चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता शोएब इकबाल को 26 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी. इसके बाद केजरीवाल ने उन्हें खाद्य और नागरिक आपूर्ति और अल्पसंख्यक विभागों समेत कई और मंत्रालय सौंपे थे. खान आम आदमी पार्टी के अल्पसंख्यक सेल के सदस्य भी रह चुके हैं. लेकिन 2015 में एक ऐसा ऑडियो सामने आया जिसमें वो मटिया महल में अवैध निर्माण के लिए 6 से 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगते हुए सुने गए. इसके बाद केजरीवाल ने उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया था.
इधर, आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत भी आसिम खान के समर्थन में उतर आए हैं. उनका कहना है कि अब केजरीवाल बेनकाब हो गए हैं. सहरावत की मानें तो आम आदमी पार्टी में केजरीवाल की नाफरमानी करने वालों को झूठे आरोपों में फंसा दिया जाता है.