अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव के बीच बिहार में महागंठबंधन के बीच चले घमासान पर अब नीतीश कुमार ठंडे पड़ गए है. बीजेपी का गुनगान करने वाले नीतीश को बीजेपी सीएम का पद नहीं देने जा रही है. जबकि कांग्रेस ने कहा है कि महागठबंधन टूटने पर नीतीश कहीं के नहीं रह पाएंगे. यही कारण है कि जदयू ने नरम रुख दिखाते हुए आज कहा है कि महागंठबंधन में कोई दरार नहीं है, हमारा गठबंधन सुरक्षित है और 2025 तक यह चलेगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की फटकार के बाद बताया जाता है कि कांग्रेस ने नीतीश को एक और मैसेज दिया है कि महागठबंधन टूटने पर वह न तो सीएम रह पाएंगे और न ही केंद्र में मंत्री. बताया जाता है कि कांग्रेस ने सीधे तौर पर कहा है कि दो सांसदो वाली पार्टी के नेता प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना बंद कर दें.
गौरतलब है कि जदयू के दो ही सांसद हैं और जदयू चाहती है कि 2019 में होने वाले आम चुनाव के लिए कांग्रेस नीतीश को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित करे.
दूसरी तरफ महागठबंधन में मचे घमासान को देखते हुए बीजेपी ने नीतीश को संदेश दिया है कि वह एनडीए में शामिल तो हो सकते हैं लेकिन सीएम की कुर्सी की बात ही न करें. बताया जाता है कि बीजेपी ने नीतीश को केंद्र में मंत्री बनाने का लालच तो दिया है लेकिन कृषि जैसे सामान्य मंत्रालय देने की पेशकश की है. इस पलटमोड़ राजनीतिक के बाद नीतीश के पांव तले जमीन खिसक गई है.
इसीलिए बुधवार को केसी त्यागी ने अपना रुख नरम करते हुए कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर हमारे बीच थोड़ा मतभेद है और इस मतभेद को लेकर ही ऐसी बातें सामने आयी है. उन्होंने कहा कि बिहार में हमारा गठबंधन सुरक्षित है और नीतीश की सरकार भी पूरी तरह सुरक्षित है. त्यागी ने कहा कि गठबंधन की उम्र अभी काफी लंबी है और यह 2025 तक मजबूती से कायम रहेगा.