जनजीवन ब्यूरो / पटना : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस और जदयू के बीच गहराए विवाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से समाप्त हो गया है. माना जा रहा है कि जदयू उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का साथ देगी. बताया जाता है कि राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के नेताओं से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोलने का निर्देश दिया है.
बताया जाता है कि राहुल गांधी ने नीतीश की आलोचना करने से दूर रहने का निर्देश अपने नेताओं को दिया है. बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह बिहार में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने अपने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली में इस सप्ताह के शुरुआती दौर में मुलाकात होने की पुष्टि की. हालांकि, उन्होंने बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार किया.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस व जदयू के बीच मतभेद समाप्त होने की बात ऐसे समय सामने आयी है, जब विपक्षी दलों की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार अपने तीन दिवसीय दौरे पर आज बिहार आ रही हैं. मीरा आज यहां कांग्रेस और राजद के विधायकों और सांसदों से मुलाकात करेंगी पर उनकी नीतीश के साथ मुलाकात तय नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने बैठक के चौधरी को नीतीश कुमार के खिलाफ बयान जारी करने वाले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिये. मालूम हो कि जिस समय कांग्रेस और जदयू में विवाद गहराया था उस दौरान राहुल गांधी देश के बाहर थे.
कांग्रेस और जदयू के बीच विवाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नीतीश कुमार पर ‘बिहार की बेटी ‘ मीरा कुमार की हार सुनिश्चित करने के लिए आगामी 17 जुलाई को होनेवाले राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का आरोप लगाया. आजाद ने नीतीश पर प्रत्यक्ष रुप से हमला करते हुए कहा था कि जो एक विचारधारा रखते हैं, वह एक निर्णय लेते हैं, जबकि जिनकी कई विचारधारा होती है, वे अलग-अलग निर्णय लेते हैं.
गुलाम नबी आजाद के इस टिप्पणी के बाद प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी जदयू प्रमुख नीतीश कुमार पर वार किया था. नीतीश ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा था ‘बिहार की बेटी’ को हराने के लिए क्यों चुना गया. यूपीए सरकार के कार्यकाल के दो बार अवसर आये थे, उस समय क्यों नहीं उन्हें उम्मीदवार बनाया. आजाद की टिप्पणी पर जदयू ने भी पलटवार करते हुए कहा कि वह किसी की ‘पिछलग्गु’ नहीं है.
नीतीश कुमार के राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का उनके व्यक्त्वि को लेकर समर्थन किये जाने पर बिहार की महागठबंधन के घटक दलों कांग्रेस, राजद और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. राजनीतिक हलके में नीतीश के साथ बेहतर संबंध रखने वाले राहुल के इस हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस और जदयू में मतभेद संभवत: समाप्त हो गये हैं.
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने फोन पर आज कहा कि आगामी अगस्त महीने में होनेवाले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विचार विमर्श करने के लिए अगर विपक्षी दलों द्वारा अगर उनकी पार्टी को आमंत्रित किया तो निश्चित तौर पर हम उसमें भाग लेंगे. त्यागी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार का समर्थन करेगी अगर इसको लेकर जदयू से संपर्क साधा जाता है और बैठक में बुलाया जाता है.
यह पूछे जाने पर क्या वे उक्त बैठक में वे शामिल होंगे, त्यागी ने कहा कि इस बारे में उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और वरिष्ठ नेता शरद यादव निर्णय लेंगे. बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जदयू उपराष्ट्रपति चुनाव में हमलोगों के साथ होगी.