जनजीवन ब्यूरो / मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में मंगलवार को किसान आंदोलन के दौरान गोलीकांड के समर्थन में राजस्थान के राष्ट्रीय किसान महापंचायत मंदसौर कूच करेंगे। राष्ट्रीय किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने आज बताया कि मध्यप्रदेश के किसानों के आन्दोलन को सहयोग करने के लिए मंदसौर जाने का निर्णय लिया है। आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों से बृहस्पतिवार को राहुल गांधी मिलेंगे। इस फायरिंग में घायल छह किसानों की हालत स्थिर है। उधर केंद्र ने दंगा-रोधी पुलिस बल के 1100 जवानों को मंदसौर भेजा है।
उन्होंने बताया कि प्रतापगढ के गांधी चौक में एक श्रद्वाजंलि सभा आयोजित कर कफ्यूर्ग्रस्त मंदसौर में पुलिस गोली से मारे गये किसानों को श्रद्वाजंलि दी गई। उन्होंने कहा कि राजस्थान का किसान महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आंदोलन कर रहे किसानों के साथ है। मंदसौर में किसानों पर पुलिस अत्याचार की निंदा करते हुए जाट ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार किसानों की आवाज दबाना चाहती है, जो स्वीकार नहीं है। हम किसानों की मांगों के लेकर लगातार लड़ते रहेंगे। किसानों के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को एक ज्ञापन दिया है।
उधर, छह किसानों की मौत एवं कई लोगों के घायल होने से आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह के साथ बरखेड़ा पंथ इलाके में धक्कामुक्की एवं मारपीट की। कलेक्टर सिंह से जब उन पर हुए हमले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुझे कुछ नहीं कहना है।
यह पूछे जाने पर कि उनके साथ हुई धक्कामुक्की एवं मारपीट के खिलाफ क्या वह कार्रवाई करेंगे, उन्होंने कहा कि यह पुलिस का काम है। घटना आज सुबह मंदसौर से 18 किलोमीटर दूर बरखेड़ा पंथ गांव में उस वक्त हुई, जब कलेकटर सिंह एवं पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश त्रिपाठी गोलीकांड में मारे गए किसान अभिषेक पाटीदार (18) के घर आज सुबह शोक संवेदना प्रकट करने और उनके परिजनों से बात करने गए थे।
इस बीच, वहां जमा हुई 5,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पिपलिया मंडी थाना प्रभारी अनिल सिंह ठाकुर के खिलाफ कल हुई गोलीबारी के लिए भादंवि की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर मुकदमा चलाने की मांग की और प्राथमिकी की प्रति देने को भी कहा। प्रदर्शनकारी अभिषेक को मध्य प्रदेश सरकार से शहीद का दर्जा देने की मांग भी कर रहे थे। इस पर कलेक्टर सिंह ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आपकी मांगों पर बातचीत करेंगे और न्यायिक जांच करेंगे।
कलेक्टर की यह बात सुनकार प्रदर्शनकारी भड़क गए और कलेक्टर के साथ धक्कामुक्की करने के बाद मारपीट करने लगे। धक्कामुक्की एवं मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बरखेड़ा पंथ गांव के सरपंच दिनेश कारपेंटर ने कहा कि प्रदर्शनकारियेां ने कलेक्टर के साथ धक्कामुक्की एवं मारपीट की। इस घटना के तुरंत बाद हमने कलेक्टर को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला।
इसी दौरान, मंदसौर में ड्यूटी पर तैनात उज्जैन रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वी मधुकुमार ने कहा कि मुझे भी पता चला है कि मंदसौर कलेक्टर के साथ कुछ घटना हुई है। लेकिन, क्या हुआ है, मुझे इसकी जानकारी ठीक-ठीक नहीं है।
पुलिस महानिरीक्षक मधुकुमार ने बताया कि जिन पांच किसानों की मंगलावर को प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी, उनका आज अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि मंदसौर में अब स्थिति नियंत्रण में है। इस बीच, कांग्रेस की मंदसौर लोकसभा की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन को आज मंदसौर जिले के नाहरगढ़ इलाके में उस वक्त हिरासत में ले लिया गया, जब वह कल मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने उनके घर जा रही थीं। अन्य कांग्रेस नेता भी कल मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने के लिए आज मंदसौर जा रहे हैं।
अपनी उपज के वाजिब दाम सहित 20 मांगों को लेकर मध्य प्रदेश के किसान एक जून से 10 जून तक आंदोलन पर हैं। इसी आंदोलन के छठे दिन कल मंदसौर जिले में कथित रूप से पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद प्रशासन ने तनावग्रस्त पिपल्यामंडी थाना क्षेत्र एवं मंदसौर शहर में कफ्यूर् लगा दिया और जिले के शेष इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी। हालांकि, जिले के अधिकारियों का कहना है कि किसानों की मौत पुलिस फायरिंग में नहीं हुई है। उनका कहना है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई। घटना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हिंसा को भड़काने में विपक्षी पार्टी कांग्रेस का हाथ है। हालांकि, कांग्रेस ने इसका खंडन किया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की गुरुवार को मध्य प्रदेश के हिंसाग्रस्त जिले मंदसौर में आने की संभावना है। इस दौरान वे वहां किसान आंदोलन के दौरान कल हुई कथित पुलिस फायरिंग में मारे गये छह किसानों के परिजन से मिलेंगे। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने बताया कि राहुल की कल मंदसौर दौरे पर आने की संभावना है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी कल आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिजन से मिलना चाहते हैं और उन्हें सांत्वना देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में पूरी कांग्रेस मध्य प्रदेश के किसानों के साथ है। प्रदेश सरकार को अपनी नींद से जागना चाहिए और किसानों की मदद करनी चाहिए।
किसान आंदोलन के दौरान गोलीबारी में घायल होने के बाद इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) लाए गए छह किसानों की हालत स्थिर बनी हुई है। अस्पताल के एक आला अधिकारी ने बताया कि मंदसौर जिले में कल किसान आंदोलन के दौरान घायल होने के बाद एमवाईएच पहुंचाए गए चार मरीजों को कूल्हे, जांघ और कोहनी में गोलियां लगी हैं, जबकि दो अन्य लोग छाती और पेट में गोलियां लगने से जख्मी हुए हैं। उन्होंने बताया कि इलाज के बाद इन मरीजों की हालत फिलहाल स्थिर है। उनकी स्थिति पर लगातार निगाह रखी जा रही है। अधिकारी ने बताया कि एमवाईएच में भर्ती सभी छह मरीज मंदसौर जिले के रहने वाले हैं। उनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है।
मौत के खिलाफ किसान संगठनों के बुलाए गए के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बंद समर्थकों द्वारा दूध और सब्जियों की खेप को सड़कों पर बलपूर्वक बिखेरने की छिटपुट घटनाएं सामने आयीं। चश्मदीद लोगों ने बताया कि सिमरोल क्षेत्र में बंद समर्थकों ने दुकानें बंद कराईं। इसके बाद उन्होंने इंदौर खंडवा रोड पर बैठकर धरना दिया। इससे कुछ देर के लिए रास्ता जाम हो गया। पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से चर्चा के जरिये धरना खत्म कराया और सड़क पर यातायात बहाल कराया। सांवेर और कुछ अन्य ग्रामीण इलाकों में बंद समर्थकों ने कल रात और आज सुबह दूध़़सब्जियां ले जा रहे वाहनों को जबरन रोका और इनमें लदा माल सड़कों पर बिखेर दिया। इससे शहर में इन उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई। शहर की प्रमुख अनाज और फलसब्जी मंडियों में बंद के कारण कारोबार लगभग ठप रहा।
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में शांति बहाल करने के लिए दंगा-रोधी पुलिस बल के 1100 जवानों को भेजा है। जिले में कर्ज माफी और फसलों के उचित मूल्य की मांग को लेकर किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई। केंद्र सरकार ने कल की हिंसा पर और हिंसा-प्रभावित क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि द्रुत कार्य बल (आरएएफ) के करीब 600 जवान पहले ही स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए मंदसौर पहुंच चुके हैं। राज्य सरकार के अनुरोध पर गृह मंत्रालय आरएएफ के 500 और जवानों को मंदसौर भेज रहा है। पश्चिम मध्य प्रदेश के किसान अपनी फसलों के अच्छे न्यूनतम समर्थन मूल्य और अन्य मांगों के साथ एक जून से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।